पटना : बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर ने एक बार फिर रामचरित मानस Ramcharit Manas को लेकर विवादित बयान दिया है. उन्होंने रामचरित मानस Ramcharit Manas की कुछ चौपाइयों की तुलना दुनिया के सबसे कुख्यात जहर पोटैशियम साइनाइड Potassium Cyanide से की है.
Potassium Cyanide से रामचरित मानस की तुलना
इससे पहले भी कई बार शिक्षामंत्री चंद्रशेखर ने रामचरित मानस में जाति और वर्ण से जुड़ी चौपाइयों पर सवाल उठाये हैं. उनका कहना है कि रामचरित मानस में कई ऐसी चौपाइयां हैं जो निचली जाति के लोगों और महिलाओं के खिलाफ हैं. रामचरित मानस में शूद्र और नारी की तुलना पशुओं से की गई है. कई जगहों पर निचली जाति और महिलाओं के बारे में अपमानित करने वाली बाते हैं जो जहर Potassium Cyanide की तरह हैं. इन चौपाइयों को रामचरित मानस या हिंदू धार्मिक ग्रंथों से हटाया जाना चाहिए. हिंदी दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि रामचरित मानस में कई अच्छी बातें भी हैं लेकिन पचपन तरह के व्यंजन परोस कर उसमें पोटैशियम साइनाइड Potassium Cyanide जैसा जहर मिला देना कहां तक उचित है.
मोहन भागवत के बयान पर बीजेपी नहीं करती है विरोध
अपनी बात पर कायम रहते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि हिंदू धर्म ग्रंथों में जो मिलावट हुई है. जिस तरह से जाति और वर्ण के नाम पर भेदभाव किया गया है उसकी तसदीक बाबा नागार्जुन और लोहिया जैसे लोगों ने भी अपनी किताबों में किया है.इसलिए रामचरित मानस को लेकर मेरी आपत्ति है और जीवन भर रहेगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी इस पर टिप्पणी कर चुके हैं. उन्होंने भी कहा है कि हिंदू धर्म ग्रंथों में स्वार्थी तत्वों ने गड़बड़ी की है. इसकी समीक्षा होनी चाहिए. शिक्षा मंत्री ने कहा कि मोहन भागवत के बोलने पर बीजेपी ने कोई विरोध नहीं किया लेकिन मेरे बोलने पर विरोध कर रहे हैं.
गटर में उतरने वालों की जातियां बदली जाए
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का साफ तौर पर कहना है कि रामचरित मानस समाज को बांटने वाला है. उन्होंने हिंदू धर्मग्रंथों खासकर रामचरित मानस में भेदभाव को उजागर करते हुए कहा कि जब तक गटर में उतरने वालों की जातियां नहीं बदली जाएंगी तब तक इस देश में आरक्षण और जातीय गणना की जरूरत पड़ती रहेगी.