नई दिल्ली चंद्रयान 3 (Chandryan-3) जैसे जैसे चंद्रमा के करीब पहुंच रहा है, भारतीय मून मिशन (Moon mission) के से जुड़े वैज्ञानिकों के साथ साथ देश भर कr धडकनें तेज हो गई हैं. इस बीच भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान केंद्र इसरो से एक खुशखबरी दी है.
भारतीय Moon mission चंद्रयान 3 (Chandryan-3) के पल पल की जानकारी रख रहे इसरो ने बताया है कि चंद्रयान -2 के अर्बिटर ने चंद्रायन -3 (Moon mission Chandryan-3) के विक्रम लैंडर से संपर्क साध लिया है. भारत ने 2019 में Moon mission चंद्रयान 2 को चंद्रमा पर भेजा थे लेकिन लैंडिंग से ठीक पहले इसका क्रैश हो गया था . ऑर्बिटर अभी वहां मौजूद है औऱ चंद्रमा के आर्बिट में चक्कर काट रहा है. इस आर्बिटर ने चंद्रयान -3 के विक्रम लैंडर से संपर्क साधन के बाद मैसेज भेजा है- welcome buddy
Chandrayaan-3 Mission:
‘Welcome, buddy!’
Ch-2 orbiter formally welcomed Ch-3 LM.Two-way communication between the two is established.
MOX has now more routes to reach the LM.
Update: Live telecast of Landing event begins at 17:20 Hrs. IST.#Chandrayaan_3 #Ch3
— ISRO (@isro) August 21, 2023
Moon mission चंद्रयान-3 का 2 वे कम्यूनिकेशन
इसरो ने ये कमाल टू वे कम्यनिकेशन के जरिये किया है. आपको बता दें पृथ्वी से तीन लाख 84 हजार किलोमीटर दूर स्थित चंद्रमा से 2 वे कम्यूनिकेशन स्थापित करना आसान काम नहीं है. खास कर तब जब चंद्रायान-3 चंद्रमा की सतह से मात्र 24 किलोमीटर दूर चक्कर काट रहा है. 23 अगस्त को इसे चंद्रमा की सतह पर उतरना है . ऐसे में टू वे कम्यूनिकेशन साधना बेहद मुश्किल है. इसरो के वैज्ञनिकों को पहले ही इस बात की जानकारी थी इसलिए इस बार चंद्रयान 3 में ऑर्बिटर नहीं भेजा गया है बल्कि प्रोपल्स माड्यूल (Propulsion Module) भेजा गया है जिसका काम सिर्फ चंद्रयान 3 के लैंडर मोड्यूल को चंद्रमा की सतह तक पहुंचाना है.इसके अलावा लैंडर और इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क ( INDN) के बीच संपर्क स्थापित करना है .
दरअसल चंद्रयान-2 के आर्बिटर से संपर्क साधना चंद्रयान 3 का इमरजेंसी बैकअप प्लान है. अगर किसी तरह से आखिरी समय में कोई आपत स्थिति बनती है तो इसरो के वैज्ञानिकों को चंद्रमा के चारो तरफ चक्कर लगा रहे चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर से चंद्रयान- 3 की जानकारी मिलती रहेगी. इसलिए चंद्रयान-2 के आर्बिटर से चंद्रायन-3 का संपर्क स्थापित हो जाना भारतीय वैज्ञानिको के लिए एक बड़ी खुश खबरी है. अब इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क सेंटर टेलिमैट्री ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क , दोनों तरह से विक्रम लैंडर से संबंध स्थापित कर सकेगा.