आरा: बिहार राज्य आशा एवं फैसिलिटेटर संघ के बैनर तले अपनी 12 सूत्री मांगों को लेकर भोजपुर जिले के 14 प्रखंड के 2 हजार 333 आशा कार्यकर्ता अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है. अनिश्चितकालीन हड़ताल पिछले 17 जुलाई से लगातार चल रहा है. हड़ताल पर बैठी आशा कार्यकर्ताओं से अधिकारियों द्वारा सुध नहीं लेने से आक्रोशित आंदोलनकारी मंगलवार की दोपहर सिविल सर्जन कार्यालय का घेराव किया है. इस कार्यकर्ताओं द्वारा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
चाचा–भतीजा होश में आओ, अभी तो यह अंगड़ाई है, लड़ाई अभी बाकी है गगनचुंबी नारों के साथ सिविल सर्जन कार्यालय से निकलकर जिला समाहरणालाय के समीप हाथों में चूड़ी लेकर सड़क के चारों तरफ बैठकर सड़क जाम कर हंगामा किया. आशा कार्यकर्ताओं ने विगत वर्ष 2018 से टी.बी का पैसा साथ ही कोविड के दौरान किया गया सर्वे का भुगतान,आशा और फैसिसिटेटर को सरकारी कर्मी घोषित करने के साथ 25 हजार मानदेय घोषित की मांग की है.
आशा कार्यकर्ता प्रीति देवी ने बताया कि हम लोगों को सरकारी कर्मी का दर्जा दिया जाए. 17 जुलाई से आज तक हम लोग अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं. लेकिन अभी तक कोई भी अधिकारी हम लोगों को सुध लेने के लिए नहीं पहुंचा. ऊपर से धमकी दिया जाता है कि तुम लोग हड़ताल खत्म कर दो वरना केस कर देंगे. जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती है तो हम लोग अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे रहेंगे. हमारी मांग है कि सरकारी कर्मी की तरह सुविधा मिले, काम के दौरान कोई भी दुर्घटना होने पर परिवार में एक सदस्य को नौकरी और साथ ही आशा को 12 लाख का बीमा करवाया जाए.
वही संदेश प्रखंड के आशा कार्यकर्ता सरोजा देवी ने कहा कि सरकार से हम लोगों को कमीशन नहीं वेतन चाहिए, फैसिलिटेटर को 20 दिन का नहीं पूरे माह का वेतन, आयु में 65 साल तक की छूट, यात्रा भत्ता, पीएचसी में आशा के लिए विश्राम कक्ष, अश्विन पोर्टल पर 10 हजार से ऊपर ऑनलाइन की सुविधा हो. आंदोलनकारी कार्यकर्ताओं ने कहा कि जब तक हमारी मांग सरकार पूरी नहीं करती है हम अपने काम पर वापस नहीं जाएंगे.

