वाराणसी के ज्ञानवापी Gyanvapi परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम परिसर Gyanvapi में वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने के लिए पहुंच गई है. प्रशासन ने परिसर Gyanvapi के आसपास सुरक्षा के कड़े इतंजाम किये हैं. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पूरे वाराणसी में हाईएलर्ट जारी किया है. प्रशासन और पुलिस हाई एलर्ट पर है.
#WATCH | Varanasi, Uttar Pradesh: A team of the Archaeological Survey of India (ASI) arrives at the Gyanvapi mosque complex to conduct a scientific survey of the complex pic.twitter.com/gvkyH4f62L
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 4, 2023
डीएम और पुलिस कमिश्नर Gyanvapi पर मौजूद
ASI की टीम पहुंचने के साथ ही जिले के डीएम एस राजलिंगम और पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन भी लगातार मौके पर मौजूद हैं. प्रशासन इस बात को लेकर एलर्ट पर है कि किसी तरह की कोई गड़बड़ी ना फैल सके.
नमाज के लिए 12 बजे रुकेगा सर्वे Gyanvapi का काम
प्रशासन के मुताबिक ज्ञानवापी परिसर में हर शुक्रवार नमाज अता की जाती है. मस्जिद में होने वाले नमाज को देखते हुए प्रशासन ने फैसला किया है कि दोपहर 12 बजे सर्वे के काम को रोका जायेगा,ताकि जो लोग नमाज अता करने आये , वो नमाज अता कर सकें.दोपहर 3 बजे के बाद फिर से सर्वे की कार्रवाई शुरु की जायेगी जो शाम 5 बजे तक चलेगी.
सर्वे शुरु होने से पहले विवाद
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के ASI सर्वे पर वकील सोहन लाल आर्य ने आरोप लगाया कि सर्वे के लिए प्रशासन ने जो सूची पहले बनाई थी, उसमे बदलाव किया गया है. पुरानी सूची में आठ लोग थे, लेकिन उसमें सुधीर त्रिपाठी, विष्णु शंकर जैन और हरिशंकर जैन के नाम शामिल नहीं थे.बाद में उनके नाम जोड़े गए. इसलिए मुस्लिम पक्ष ने इस सर्वेक्षण का बहिष्कार किया है. वाराणसी जिला प्रशासन ने परिसर के अंदर जाने वालों की एक लिस्ट जारी की है लेकिन इस लिस्ट के मुताबिक मुस्लिम पक्ष की तरफ से कोई भी सर्वे मे शामिल नहीं हुआ है.
#WATCH | Varanasi, UP: On the ASI survey of the Gyanvapi mosque complex, advocate Sohan Lal Arya says, "According to the old list, eight people were there…In the new list that was released by the DM…My name was also there including others but it did not include the names of… pic.twitter.com/l85KGlIyVg
— ANI (@ANI) August 4, 2023
हाईकोर्ट के आदेश क बाद फिर शुरु हुआ सर्वे
ज्ञानवापी परिसर में जारी सर्वे पर गुरुवार को इलाहाबाद हाइकोर्ट के फैसले के बाद आज फिर से सर्वे का काम शुरु हुआ है. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सर्वे से किसी पक्ष का कोई नुकसान नहीं है. सर्वे मूल ढांचे को बिना कोई नुकसान पहुंचाये किया जायेगा. इसे लेकर ASI ने कोर्ट में एफिडेबिट दिया है. ASI पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मामला पहुंचा था हाईकोर्ट
दरअसल ज्ञानवापी परिसर में जिला अदालत के फैसले के बाद शुरु हुए सर्वे पर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की सुनवाई होने तक रोक लगा दी थी . अब इलाहाबाद हाइकोर्ट में सुनवाई और फैसले के बाद एक बार फिर से सर्वे का काम शुरु हुआ है. हलांकि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट में आज फिर से इस मामले पर सुनवाई होगी.
ASI ना तो वजूखाने तक जायेगी ना ही कोई खुदाई होगी
सर्वे के दौरान ASI ना तो कथित शिवलिंग(वजूखाना) तक जायेगी ना ही न ही वहां कोई खुदाई होगी. हाइकोर्ट के आदेश के बाद इन दोनो तरीकों पर रोक लगा दी गई है. जबकि अब तक की जानकारी के मुताबिक परिसर के पश्चिमी द्वार की एक जगह पर खोखली दीवार होने की संकेत हैं. जानकारों के मुताबिक यहां मौजूद देवी देवताओं की मूर्तियों को खोखली दीवार बन कर ढंक दिया गया है. वहीं मंदिर के मुख्य द्वारा से अंदर की तरफ नंदी के सम्मुख जो ढ़ांचा है उसे हिंदु पक्ष शिवलिंग बता रहा है जबकि मुस्सिम पक्ष उसे वजूखाने का फव्वारा बता रहे हैं.
आम तौर पर शिवालयों में नंदी की स्थापना भगवान शिव की और मुख करके किया जाता है. इस परिसर में भी नंदी इसी तरह से मौजूद हैं.