वाराणसी जिला अदालत के आदेश के बाद ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के लिए भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) की टीम वाराणसी में है. सुबह 7 बजे से सर्वे की कार्रवाई शुरु की जायेगी . वहीं सर्वे को रोकने के लिए मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है , जिस आज ही सुनवाई होगी.
प्रतिबंधित शिवलिंग क्षेत्र को छोडकर पूरे परिसर का सर्वे
ज्ञानवापी परिसर की जांच ASI से कराने की हिंदुपक्ष की याचिका को मानते हुए 21 जुलाई को कोर्ट ने सर्वे कराने की इजाजत दे दी है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि प्रतिबंधित क्षेत्र (शिवलिंग / कथित वजूखाना) को छोड़कर पूरे परिसर की जांच ASI कर सकती है. ASI को अपनी जांच की रिपोर्ट 4 अगस्त तक कोर्ट को सौंपनी होगी.समय कम होने के कारण ASI ने तत्काल काम शुरु करने का फैसला किया है.ASI की टीम ने वाराणसी पहुंचकर जिला कमिश्नर के मुलाकात की और सुबह से शुरु होने वाली सर्वे की प्रकिया पर बात की.
VIDEO | " ASI (Archaeological Survey of India) will start conducting the survey (of the Gyanvapi mosque) from tomorrow (Monday)," says S Raj Lingam (District Magistrate of Varanasi). pic.twitter.com/YUz0aSBnyp
— Press Trust of India (@PTI_News) July 23, 2023
सर्वे में क्या क्या होगा?
ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में हिंदु पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन के मुताबिक सर्वे में ASI ग्राउंड पेनट्रेटिंग रडार और मार्डन टेक्नोल़ॉजी का इस्तेमाल करेगी.
हिंदु पक्ष का दावा है कि मस्जिद के अंदर बनी गुंबद से ऐसी आवाज आती जिससे लगता है कि उस जगह को फॉल्स दीवार बनाकर ढ़ंका गया है. इस गुंबद के अंदर मूर्तियां हो सकती है,जिसे फाल्स दीवार बना कर ढंक दिया गया है.
पुरातत्व विभाग की टीम पूरे मस्जिद परिसर का सर्वे करेगी, लेकिन उस क्षेत्र क सर्वे नहीं किया जायेगा जहां हिदु पक्ष की ओऱ से शिवलिंग होने का दावा है. वहीं मुस्लिम पक्ष उसे मस्जिद का वजूखाना बता रहा है. दरअसल इस क्षेत्र क मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. इस क्षेत्र को लेकर हिंदु पक्ष और मुस्लिम पक्ष दोनों के अपने अपने दावे हैं. अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही यहां कोई कार्रवाई हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस एरिया को सील कर दिया गया है.