प्रयागराज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर को अपत्तिजनक तरीके से संपादित कर उसे सोशल मीडिया पर वायरल करने के आरोपी को राहत देने से इंकार कर दिया है. हाइकोर्ट ने वादी के खिलाफ दर्ज केस और अदालत में चल रही कार्रवाई में हस्ताक्षेप करने से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी .
पीएम की फोटो के साथ छेड़छाड़ के आरोपी ने की थी अपील
आरोपी शमीम मलिक ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर इस मामले में दाखिल चार्जशीट और अदालत द्वारा जारी किए गए सम्मन के आदेश को चुनौती दी थी और मामले को रद्द किए जाने की मांग की थी. यह आदेश न्यायमूर्ति दीपक वर्मा ने एटा निवासी शमीम मलिक की याचिका पर दिया है. सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने बताया की शमीम मलिक के खिलाफ एटा के शुभम सिंह ने 14 अप्रैल 2021 को एफआईआर दर्ज कराई थी.जिसमें आरोप लगाया गया था कि शमीम मलिक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में एक वीडियो एडिट किया, जिसमें उसने प्रधानमंत्री के चेहरे का किसी और व्यक्ति के साथ इस्तेमाल करके उनको मृत दिखाते हुए अपनी फेसबुक आईडी पर पोस्ट किया था.
प्रधानमंत्री की गरिमा को किया धूमिल- सरकारी वकील
सरकारी वकील एके संड ने याची का प्रतिरोध करते हुए कहा कि याची ने प्रधानमंत्री की गरिमा को गिराने वाला पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल किया, जिससे सामाजिक समरसता का माहौल बिगड़ने का खतरा उत्पन्न हुआ तथा प्रधानमंत्री के प्रति सम्मान रखने वाले तमाम लोगों की भावनाओं को गहरा आघात पहुंचा है. न्यायालय ने मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए शमीम मलिक को राहत देने से इंकार करते हुए याचिका खारिज कर दी.
सोशल मीडिया पर मनमानी करने वालों के लिए सबक
इलाहाबाद हाइकोर्ट का ये फैसला उन तमाम लोगों के लिए सबक है जो लोग बड़ी राजनीतिक हस्तियों के बारे में गैर जिम्मेदाराना तरीके से गलतबयानी करते हैं और तकनीक का गलत प्रयोग कर उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाने की कोशिश करते हैं. इन दिनों सोशल मीडिया पर इस तरह के वीडियो और तस्वीरों की भरमार है.