Friday, February 7, 2025

BJP on Opposition meet:पटना की बैठक से बीजेपी में खलबली, नड्डा, अमित शाह से लेकर स्मृति ईरानी ने संभाला मोर्चा

पटना बैठक को लेकर बेचैन दिखी बीजेपी, नड्डा से लेकर अमित शाह ने किया विपक्षी एकता पर वार
पटना में 15 विपक्षी दलों की बैठक का असर कुछ ऐसा नज़र आया की पीएम मोदी के अमेरिका दौरे को भूल उनकी पार्टी के नेता ही विपक्षी एकता पर सवाल उठाते नज़र आए.

शुरुआत बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा से करते हैं. तो ओडिशा के कालाहांडी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए जेपी नड्डा ने कहा, “राहुल गांधी की दादी ने लालू यादव को जेल में डाला था. इंदिरा गांधी ने नीतीश कुमार को पूरे 20 महीने जेल में डाला था. आज पटना की धरती पर राहुल का स्वागत करते हुए जब मैं इनकी तस्वीरें देख रहा हूं तो मुझे याद आता है कि राजनीति में क्या से क्या हो गया, कहां से चले थे और कहां पहुंच गए.”

जम्मू पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी पटना की तस्वीरें साफ नज़र आ रही थी. उन्होंने कहा, “आज पटना में एक फोटो सेशन चल रहा है. सारे विपक्ष के नेता एक मंच पर आ रहे हैं और संदेश देना चाहते हैं कि हम भाजपा और मोदी जी को चुनौती देंगे. मैं विपक्ष के नेताओं को कहना चाहता हूं कि कितने भी हाथ मिला लो आप एक साथ नहीं आ सकते हैं और आ भी गए तो 2024 में मोदी जी का 300 से ज्यादा सीटों के साथ आना तय है.”

वहीं राहुल गांधी पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ने वाली बीजेपी की नेता स्मृति ईरानी ने भी पटना में हुई विपक्ष की बैठक चुटकी ली. उन्होंने कहा, “स्वार्थ का गठबंधन, निशाने पर हिंदुस्तान. वह राजनीतिक दल जो एक दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाते थे, एकत्रित हुए एक ऐसे संकल्प के साथ जो भारत को आर्थिक प्रगति से वंचित करता है… यह राजनीतिक दल जब भी एक साथ आए तब भ्रष्टाचार, परिवारवाद लाए और राष्ट्र की आर्थिक प्रगति को संकुचित करने का अपने संग आरोप लेकर आए.”

वहीं, BJP सांसद सुशील कुमार मोदी जो पटना में मौजूद थे उन्होंने कहा कि, “विपक्षी दलों की बैठक टाय टाय फिश हो गई क्योंकि इस बैठक में सिर्फ अगली बैठक कब होगी ये तय हुआ है. बैठक से देश की जनता क्या नहीं जानना चाहेगी कि नीतीश कुमार, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी में से कौन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने वाले हैं. इन लोगों ने तो बाहर भी बोला था कि वो एक साथ लड़ेंगे.”


वहीं बंगाल में खुद भ्रष्टाचारों के आरोपों से घिरे विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा, “यह परिवारवाद, भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचारियों की बैठक है. इससे कोई असर नहीं पड़ने वाला है, अगली बार मोदी जी 400 पार.”.


कोलकाता में ही पश्चिम बंगाल में भाजपा के अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने भी पटना की बैठक पर निशाना साधा, उन्होंने कहा, “यह गठबंधन नहीं है यह ठगबंधन है. ऐसी पार्टी साथ आ रही हैं जिनकी कोई राजनीतिक विचारधारा नहीं है. एक तरफ राहुल गांधी हैं और दूसरी तरफ जे. पी. आंदोलन से उठी पार्टी हैं… जितने भी दल हैं वे सारे अपने राज्य में ही सीमित हैं. मुझे नहीं लगता कि वे अन्य राज्य में कुछ मदद कर पाएगा.”

पटना की बैठक पर वार करने वालों में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी शामिल थे. मौर्य ने कहा, “पटना की बैठक विपक्ष के लिए दुर्घटना की तरह हो गई है. विपक्ष के पास नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ कोई भी नेता नहीं है. विपक्षी दलों का एकत्रीकरण सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी के नाम का खौफ है. 2024 में किसी के ऊपर हार का ठीकरा न फूटे इसलिए भी यह लोग साथ आए हैं.”

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