शुक्रवार को विपक्षी एकता के लिए बैठक का मंच तैयार है और पटना में मेहमानों, जिनमें देश भर के गैर-भाजपा नेता शामिल हैं, का शहर के हवाई अड्डे पर उतरना शुरु हो गया है. पटना शहर में विपक्षी दलों के नेताओं के पोस्टर लगे है और सभी पार्टियां ने भी अपने अपने दलों के नेताओं का स्वागत के लिए पोस्टर लगाए है.
सरकार ने नेताओं के ठहरने से लेकर खानपान के खास इंतेज़ाम किए है. बताया जा रहा है कि मेहमानों को मेनू में लोकप्रिय व्यंजन ‘लिट्टी चोखा’ सहित बिहारी व्यंजनों का स्वाद पेश किया जाएगा. विपक्षी दलों की बैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उच्च सुरक्षा वाले सरकारी आवास के करीब एक इमारत में होगी.
हालाँकि, मुख्यमंत्री के कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि, विपक्षी नेताओं के ठहरने के लिए राज्य अतिथि गृह को तैयार किया गया है. “महत्वपूर्ण मेहमानों के राज्य अतिथि गृह में ठहराया जाएगा. जहां 17 कमरे आरक्षित किए गए हैं.”
इसके अलावा बैठकों में शामिल होने आने वाले विपक्षी नेताओं के ठहरने के लिए पटना के बड़े-बड़े होटलों में भी कमरे बुक किये गये हैं.
कुछ विपक्षी नेता जैसे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 22 जून को पटना पहुंच गए है. जबकि अन्य नेताओं के 23 जून की सुबह पटना पहुंचने की संभावना है.
विपक्ष की बैठक में शामिल हो रहे नेताओं के नाम
कांग्रेस- पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी नेता राहुल गांधी.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-एनसीपी प्रमुख शरद पवार.
डीएमके- डीएमके पार्टी अध्यक्ष और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन.
टीएमसी – पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी।
AAP- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान।
समाजवादी पार्टी (सपा)-सपा पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव.
शिवसेना (यूबीटी)-शिवसेना यूबीटी नेता उद्धव ठाकरे.
नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी)- नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला.
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी)- पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव, सीताराम येचुरी सहित वामपंथी दल के नेता।
विपक्षी दलों की बैठक में क्या होगी बात
शुक्रवार को नीतीश कुमार के नेतृत्व में होने वाली बैठक में विपक्षी नेता मणिपुर हिंसा से लेकर पहलवानों के विरोध और दिल्ली में केंद्र के अध्यादेश तक कई मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं. बैठक का उद्देश्य लोकसभा चुनावों पर ध्यान केंद्रित करते हुए विपक्षी दलों के बीच किसी भी तरह की अनबन से बचने और तालमेल को आसान बनाना के लिए चर्चा करना है.
ममता बनर्जी ने दी थी पटना में बैठक रखने की सलाह
जानकारी के मुताबिक पटना में विपक्षी नेताओं की एक बैठक आयोजित करने का विचार बनर्जी द्वारा रखा गया था, ममता ने अप्रैल में कोलकाता में नीतीश कुमार से मुलाकात के दौरान जयप्रकाश नारायण की के विपक्षी एकजुटता के साथ कांग्रेस के खिलाफ छेड़े जनआंदोलन की याद दिलाते हुए पटना में बैठक करने का सुझाव दिया था.
बैठक से पहले आप और कांग्रेस में ठनी
वैसे बैठक से पहले ही विपक्षी एकता पर पलीता लगता भी दिख रहा है. आप ने दिल्ली अध्यादेश को लेकर कांग्रेस से रुख साफ करने को कहा तो कांग्रेस ने आप पर विपक्षी एकता में बांधा पैदा करने का आरोप लगा दिया. आप और कांग्रेस के दिल्ली नेताओं ने तो एक दूसरे पर बीजेपी के साथ हाथ मिलाने के आरोप भी लगा दिए है.
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