Sunday, September 8, 2024

जनसंख्या नियंत्रण से जुड़ी सभी याचिकाओं पर एक साथ SC करेगा सुनवाई

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग करने वाली स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती की याचिका पर सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही न्यायालय ने इस याचिका को मामले पर लंबित दूसरी याचिकाओं के साथ जोड़ा है. अब सब पर साथ में सुनवाई होगी. आपको बता दें याचिका में कहा गया है कि बढ़ती आबादी के चलते लोगों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया नहीं हो पा रही हैं.
2 बार अलग-अलग याचिकाओं पर पहले भी हुआ है नोटिस जारी
इससे पहले दो बार सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को इस मामले में नोटिस जारी कर चुका है. हाल में कोर्ट ने धर्मगुरु देवकीनंदन ठाकुर की याचिका पर भी केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया गया था. धर्मगुरु देवकीनंदन ठाकुर की याचिका में कहा गया था कि बढ़ती आबादी के चलते लोगों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया नहीं हो पा रही है. याचिका में ये भी कहा गया था कि देश की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए यह बहुत जरूरी है कि लोगों को साफ हवा, पानी, खाना, स्वास्थ्य और रोजगार हासिल करने का अधिकार सुनिश्चित हो.
बीजेपी नेता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को जारी किया था नोटिस
वहीं 2020 में बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने जनहित याचिका दाखिल की थी जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी किया था. अपनी याचिका में अश्विनी उपाध्याय ने कहा था कि आबादी का विस्फोट बम से भी ज्यादा घातक है. इसकी वजह से शिक्षित, समृद्ध, स्वस्थ और सुगठित मजबूत भारत बनाने की कोशिश कभी कामयाब नहीं हो सकेगी.
क्यों हो रही है जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में जनसंख्या के मामले में भारत द्वारा अगले साल चीन को पीछे छोड़ देने का अनुमान व्यक्त किया गया था. जिसके बाद देश में इस मुद्दे को लेकर बहस छिड़ गई थी. इस बात के कयास लगाए जाने लगे थे कि सरकार जनसंख्या नियंत्रण के लिए कोई कानून ला सकती है. हालांकि सरकार ने कहा था कि इस पर कानून लाने का कोई विचार नहीं किया जा रहा है.

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