Sunday, September 8, 2024

अपहरण मामले के आरोपी कार्तिक सिंह ने अपने इस्तीफा पर मीडिया को दी सफाई

जेडीयू- आरजेडी सरकार में गठन के बाद से विवाद का केंद्र बने कार्तिक सिंह ने आखिरकार बुधवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफे से पहले नीतीश सरकार में उन्हें कानून मंत्रालय से हटा कर गन्ना मंत्रालय दे दिया गया था. तब से राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा जबर्दस्त रूप से चल रही थी कि मंत्रालय बदले जाने से अनंत सिंह के करीबी कार्तिक सिंह नाराज हैं लेकिन तमाम चर्चाओं पर विराम लगाते हुए गुरुवार को कार्तिक सिंह खुद मीडिया के सामने आये और अपनी सफाई दी. कार्तिक सिंह ने अपने ऊपर लगाये गये अपहरण के आरोप से खुद को पाक साफ बताते हुए पूर मामले को जातिवादी राजनीति से जोड़ दिया.कार्तिक सिंह ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि उन्हें अपराधी बताने वाले उनका इतिहास देख लें.उनके परिवार में दादाजी स्वतंत्रता सेनानी थे, पिता हाईस्कूल टीचर और मैं खुद 28 साल तक सरकारी स्कूल में शिक्षक रहा हूं. मेरे ऊपर महज आरोप लगे हैं, आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है.

पत्रकारों के सामने कार्तिक सिंह ने मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह से अपने संबंधों के बारे में भी सफाई दी और कहा कि एक ही क्षेत्र के होने के कारण उनका पूर्व विधायक अनंत सिंह और उनके परिवार से अच्छे संबंध हैं.

सियासी गलियारों में  चल रही चर्चा पर विराम लगाते हुए कार्तिक सिंह ने कहा कि नाराजगी जैसी कोई बात नहीं है.मेरी वजह पार्टी की छवि धूमिल हो रही थी इसलिए पद से इस्तीफा दे दिया.

कार्तिकेय सिंह के इस्तीफे से ये तो साफ है कि नीतीश कुमार अपने नये मंत्रिमंडल में किसी तरह के विवादित चेहरे को जगह नहीं देना चाहते हैं. 2024 के लोक सभा चुनाव में जेडीयू की तैयारी नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री मोदी के सामने विपक्ष का उम्मीदवार बनाने की है. ऐसे में आपराधिक छवि के नेताओ को मंत्रिमंडल में जगह देना उनकी राजनीतिक यात्रा को मुश्किल बना सकते हैं. संभवतह यही वजह है कि दागी छवि  के आरोपी नेता को नीतीश कुमार ने मंत्रिमडल से विदाई दे दी. अब देखना होगा कि एक दागी छवि के नेता की मंत्रिमंडल से विदाई के बाद अब किसकी बारी आती है, क्योंकि नीतीश के नये मंत्रिमंडल में 33 में 22 दागी छवि के नेता हैं.

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