दिल्ली : बाहरी उत्तरी दिल्ली के नरेला इलाके में कस्तूरी राम इंटरनेशनल स्कूल के अंदर बने प्रांगण में बने स्विमिंग पूल में एक आपराधिक लापरवाही (Criminal negligence) का मामला सामने आया है. Criminal negligence की वजह से यहां एक 12 साल के एक बच्चे की स्वीमिंग पुल में डूबने से मौत हो गई है .
दरअसल निजी स्कूल में बने स्वीमिंग पुल को शाम के वक्त में बाहरी लोगों के लिए भी खोल दिया जाता है और स्विमिंग पूल के केयरटेकर लोगो से फीस लेकर उन्हें स्कूल के अंदर बने पुल में तैरने के लिए अनुमति देते हैं.
12 साल के बच्चे की पूल में डूब कर मौत
सोमवार की शाम स्कूल को स्वीमिंग पुल में एक बड़ा लापरवाही का मामला सामने आया. यहां एक 12 साल का बच्चा रजब अपने परिवार के सदस्य के साथ आया और पुल में उतर गया. बच्चा पुल में गहरे पानी की तरफ चल गया. और पानी में डूब गया. पानी में डूबने की वजह से इसकी मौत हो गई. दुर्घटना के बाद पुल के केयर टेकर का कहना है कि बच्चे को तैरना नहीं आता था और दूसरे बच्चों के साथ वो गहरे पानी में चला गया. जिन बच्चों को तैरना नहीं आता था उसके साथ रजब गहरे पानी में चला गया. बाकी बच्चे निकल आये वो गहरे पानी में डूब गया. जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई.
केयर टेकर की दलील
स्वीमिंग पुल केटरटेकर का कहना है कि जिन बच्चों को तैरना नहीं आता है उनको गहरे पानी में जाना ही नहीं चाहिये था. जबकि स्वीमिंग पुल को लेकर सरकार की गाइड साइन बिल्कुल साफ है. किसी भी स्वीमिंग पुल में स्वीमिंग के दौरान सेफ्टी इक्विपमेंट्स, लाइफगार्ड, इंस्ट्रक्टर , एक गार्ड और पानी का टेस्ट रिपोर्ट होना अनिवार्य है. किसी भी स्कूल या निजी स्कूल में बिना गाइड लाइन का पालन किये इस तरह से पुल चलाना गैर कानूनी है.
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सवाल ये उठता है कि स्कूल बिना किसी सुरक्षा उपकरण और लाइफ गार्ड के स्वीमिंग पुल का कमर्शियल इस्तेमाल कैसे कर सकता है ? लोगों ने ये सवाल उठाये है. मामला सामने आने पर पुलिस ने पुल के केयर टेकर के खिलाफ लापरवाही की मामला दर्ज किया है.