ग्रेटर नोएडा : जे पी अमन सोसाइटी JP AMAN SOCIETY के एक फ्लैट में दोपहर को आग लग गई. आग देख कर सोसाइटी में रहने वालों ने सूचना अधिकारियों को दी. सोसाइटी के कर्मचारियों ने तुरंत आग पर काबू पा लिया. आग बुझने के बाद लोगों ने देखा कि वहां कुछ कागजात को जलाया गया है.
JP AMAN SOCIETY में जलाए गए पासपोर्ट
दरअसल फ्लैट में आग नहीं लगी थी. कोई फ्लैट की बालकोनी में कुछ कागजात जला रहा था. कागजात जलाने के दौरान आग वहां पड़ी सूखी लकड़ी और कबाड़ तक पहुंच गई और धीरे धीरे पूरी बालकोनी में फैल गई. वहां मौजूद लोगों ने जब अधजले कागजात को ध्यान से देखा तो उसमें तकरीबन 18 पासपोर्ट ,कुछ विदेशी सिम कार्ड, पासबुक और मनी एक्सचेंज के रसीद मिले. जले हुए पासपोर्ट नेपाल, मलेशिया और भारत के थे. जेपी अमन सोसाइटी JP AMAN SOCIETY ने पुलिस को सारे दस्तावेज सौंप दिए हैं.
ड्रग्स रैकेट का हो सकता है हाथ
जेपी अमन सोसाइटी JP AMAN SOCIETY में इस घटना को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. दरअसल अभी हाल के दिनों में ही ग्रेटर नोएडा से 150 करोड़ के ड्रग्स पकड़े गए हैं. ड्रग्स के इस खेल में विदेशी नागरिकों के शामिल होने का संदेह है. ड्रग्स पकड़े जाने के बाद पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने कहा था कि घर घर जाकर सर्वे किया जाएगा कि इस इलाके में कितने विदेशी नागरिक हैं जो गैर कानूनी ढ़ंग से रह रहे हैं. पुलिस के इस बयान के तुरंत बाद जेपी अमन सोसाइटी में 18 विदेशी पासपोर्ट को जला दिया जाना शक पैदा कर रहा है.
JP AMAN SOCIETY में पासपोर्ट जलाने की ये हो सकती है वजह
ये भी हो सकता है कि जलाए गए ये सारे पासपोर्ट फर्जी हैं.कोई आपराधिक गिरोह इन फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल कर रहा होगा लेकिन ग्रेटर नोएडा पुलिस की जांच में पकड़े ना जाएं इसलिए भी इन्हें जलाया जा सकता है. इसके अलावा कई बार विदेशी नागरिक खुद भी अपने पासपोर्ट जला देते हैं. ऐसा वो तब करते हैं जब उनकी वीजा की अवधि खत्म हो जाती है और वीजा रिन्यू नहीं हो पाता है. और वो वापस अपने देश नहीं जाना चाहते हैं. ऐसी स्थिति में वो अपने पासपोर्ट समेत तमाम दस्तावेज जला देते हैं ताकि उनकी पहचान खत्म हो जाए और पुलिस प्रशासन किसी भी हाल में उन्हें उनके देश ना भेज पाए.
जांच मे जुटी पुलिस
अब ये जांच का विषय है कि जेपी अमन सोसाइटी JP AMAN SOCIETY में किसने ये पासपोर्ट जलाया है. ये पासपोर्ट किन लोगों के हैं. क्या सचमुच में इस घटना में ड्रग माफिया या किसी आपराधिक गिरोह का हाथ है. अब देखना है कि पुलिस कितनी जल्दी इस मामले की तह तक पहुंचती है.