इस साल के अंत तक मध्य प्रदेश में चुनाव होने है. मध्य प्रदेश को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने अपने इंटरनल सर्वे कराए है. इसी सर्वे और पार्टी की राज्य में रणनीति को लेकर सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पर बैठक हुई. इस बैठक के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दावा किया कि वो मध्य प्रदेश में कर्नाटक को रिपीट करने जा रहे है.
इंटरनल सर्वे से खुश कांग्रेस
दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के मुख्यालय पर हुई इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, महासचिव केसी वेणुगोपाल और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मध्य प्रदेश के पार्टी नेताओं के साथ लंबी चर्चा हुई. बैठक में राज्य पार्टी प्रमुख कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और दूसरे कई नेता मौजूद थे. वैठक से निकलने के बाद कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि, “हम मध्य प्रदेश भी जीतने जा रहे हैं. आज हमारे पास अधिक से अधिक सीटों के साथ मध्य प्रदेश को जिताने का संयुक्त नारा है.”
#WATCH हम मध्य प्रदेश भी जीतने जा रहे हैं। आज हमारे पास अधिक से अधिक सीटों के साथ मध्य प्रदेश को जिताने का संयुक्त नारा है: दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष व अन्य नेताओं के साथ बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल pic.twitter.com/qL3BCoBQ8J
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 29, 2023
दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष व अन्य नेताओं के साथ बैठक के बाद मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य पार्टी प्रमुख कमलनाथ ने बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि, “अभी बेहद महत्वपूर्ण बैठक हुई, चुनाव में कैसी रणनीति बनाई जाए, मध्य प्रदेश का भविष्य कैसे सुरक्षित रखा जाए इस पर चर्चा हुई. जो राहुल गांधी(एमपी में कांग्रेस को 150 सीटें मिलने के बयान) जी ने कहा है हम सभी उनकी बात से सहमत है.”
#WATCH अभी बेहद महत्वपूर्ण बैठक हुई, चुनाव में कैसी रणनीति बनाई जाए, मध्य प्रदेश का भविष्य कैसे सुरक्षित रखा जाए इस पर चर्चा हुई। जो राहुल गांधी(एमपी में कांग्रेस को 150 सीटें मिलने के बयान) जी ने कहा है हम सभी उनकी बात से सहमत है: दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष… pic.twitter.com/9oA0Qzd50M
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वहीं, कमालनाथ ने ये बी कहा कि, राहुल गांधी के मध्य प्रदेश में कांग्रेस को 150 सीटें मिलने के बयान पर कहा कि, “इस भरोसे का आधार है कि राहुल गांधी के पास इनपुट है.”
बीजेपी के सर्वे में मध्य प्रदेश में पार्टी और सरकार की स्थिति अच्छी नहीं
बात अगर बीजेपी के मध्य प्रदेश में कराए सर्वे की करें तो केंद्रीय BJP ने आने वाले चुनाव को देखते एक इंटरनल सर्वे SURVEY कराया है जिसमें उसकी स्थिति मध्य प्रदेश में ठीक नहीं लग रही है. कई चेहरों को लेकर निगेटिव फीड बैक FEED BACK मिली है. चाहे वो सीएम CM हों या फिर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष. किसी की भी रिपोर्ट आलाकमान को सही नहीं मिली है.
चुनाव जीतने के बाद कौन बनेगा सीएम
इसमें कोई दो राय नहीं कि फिलहाल बीजेपी के पास मध्य प्रदेश में सीएम के नाम पर शिवराज सिंह चौहान के अलावा कोई नहीं है. बीजेपी शिवराज को लेकर ही चुनाव लड़ेगी लेकिन चुनाव जीतने के बाद शिवराज अपनी कुर्सी पर रहेंगे कि नहीं ये बड़ा सवाल है. क्यों कि सूत्रों के मुताबिक अगर शिवराज की अगुवाई में बीजेपी चुनाव जीत जाती है तो इसके बाद शिवराज सीएम भी बनेंगे इसकी कोई गारंटी नहीं है.
MP BJP के प्रदेश अध्यक्ष भी बदले जा सकते हैं
ठीक इसी तरह बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भी आलाकमान को निगेटिव रिपोर्ट मिली है. ऐसी हालत में सूत्रों का कहना है कि शीर्ष नेतृत्व प्रह्लाद पटेल या फिर नरेंद्र सिंह तोमर के नाम पर विचार कर सकता है. यानी प्रह्लाद पटेल या फिर नरेंद्र सिंह तोमर को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेवारी दी जा सकती है. फिलहाल दोनों सांसद हैं लेकिन कुर्सी बचाने के लिए बीजेपी नेतृत्व इन्हें फिर से राज्य में भेज सकती है. आने वाले चुनाव को देखते हुए बीजेपी गुजरात की तर्ज पर MP BJP में व्यापक उलट फेर कर सकती है.
MP BJP में आपसी मनमुटाव सबसे बड़ी समस्या
इंटरनल सर्वे के मुताबिक बीजेपी आंतरिक खींच तान से भी परेशान है. नेताओं की आपसी तनातनी चुनाव पर और सरकार पर असर डाल सकती है. वो सिंधिया का मामला हो या फिर मिश्रा जी का. इसके अलावा कार्यकर्ताओं की नाराजगी एक बड़ा मुद्दा है. आलाकमान को पता है कि जमीन से जुड़े कार्यकर्ता जो बीजेपी की रीढ़ हैं, उनमें नेताओं के प्रति नाराजगी बढ़ी है. नाराजगी की वजह है नेताओं का कार्यकर्ताओं का तवज्जो ना देना. ना नेता उनकी सुनते हैं ना शासन के अधिकारी उनकी सुनते हैं. आखिर ऐसी हालत में जिन कार्यकर्ताओँ ने जी जान से पार्टी की सेवा की है वो कहां जाएंगे अपना दुखड़ा सुनाने. और अगर उनकी नाराजगी पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले चुनाव में बीजेपी के सामने जीत का संकट खड़ा हो जाएगा. कार्यकर्ताओँ की नाराजगी दूर करने का मतलब है कि बीजेपी को सख्त कदम उठाने होंगे. जिसका मतलब है कुछ चेहरे बदलने होंगे और कुछ चेहरों पर कार्रवाई करनी होगी तब जाकर कार्यकर्ता मानेंगे.
अब कांग्रेस के इस सर्वे के बाद तो बीजेपी की परेशानी और बढ़ जाएगी. जिसका असर जल्द पार्टी की राज्य इकाई में बदलाव के तौर पर नज़र आ सकता है.