सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद में पाए गए ‘शिवलिंग’ की उम्र निर्धारित करने के लिए कार्बन डेटिंग सहित “वैज्ञानिक सर्वेक्षण” को टाल दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें 2022 में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर कथित तौर पर पाए गए एक “शिवलिंग” के वैज्ञानिक सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी. यह आदेश ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति की एक अपील पर पारित किया गया.
केंद्र, यूपी ‘शिवलिंग’ का ‘वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ स्थगित करने पर सहमत
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने ‘शिवलिंग’ के वैज्ञानिक सर्वेक्षण और कार्बन डेटिंग के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ मस्जिद पैनल की याचिका पर केंद्र, उत्तर प्रदेश सरकार और हिंदू याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी किया. केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘शिवलिंग’ के प्रस्तावित “वैज्ञानिक सर्वेक्षण” को फिलहाल के लिए स्थगित करने की याचिका पर सहमति जताई है.
SC ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के निहितार्थ के बाद से “शिवलिंग” मेरिट की बारीकी से जांच करने की अनुमति दी गई है, आदेश में संबंधित निर्देशों का कार्यान्वयन अगली तारीख तक स्थगित रहेगा.
ज्ञानवापी मामले में SC में क्यों हुई सुनवाई?
सुप्रीम कोर्ट इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली एक अपील पर सुनवाई थी, जिसमें पिछले साल एक पहले वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण के दौरान वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पाए गए “शिवलिंग” के कार्बन डेटिंग सहित “वैज्ञानिक सर्वेक्षण” का निर्देश दिया गया था.
सर्वेक्षण के दौरान, एक संरचना – जिसे हिंदू पक्ष द्वारा “शिवलिंग” और मुस्लिम पक्ष द्वारा “फव्वारा” होने का दावा किया गया था – पिछले साल 16 मई को मस्जिद के एक अदालती अनिवार्य सर्वेक्षण के दौरान मस्जिद परिसर में पाया गया था. काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित है.
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