कुतुब मीनार से भी ऊंचा नोएडा का ट्विन टावर रविवार यानी 28 अगस्त को ज़मीदोज़ कर दिया जाएगा. 31 अगस्त 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के सेक्टर 93ए में बने भारत की गिराई जाने वाली सबसे ऊंची इमारत नोएडा ट्विन टावर्स को अवैध घोषित कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने ये माना कि ट्विन टावर को बनाने में नियमों की अनदेखी हुई. अवैध घोषित किए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तीन महीने बाद ही ट्विन टावर को गिराया जाना था लेकिन अब एक साल बाद जाकर 28 अगस्त को अवैध तरीके से बने ट्विन टावर को ध्वस्त कर दिया जाएगा.
कैसे गिराया जाएगा ट्विन टावर
कुतुबमीनार से ऊंची संरचना को गिराने के लिए कम से कम 3,700 किलोग्राम वजन के विस्फोटकों का इस्तेमाल होगा. ट्विन टावर की हर मंजिल और कई पिलर्स पर विस्फोटक लगाए गए है ताकी वो सीधा नीचे आए इधर उधर न झुके और उसका मलवा पास की दो इमारतों पर न जाए. जिस दिशा में यह बिल्डिंग गिरानी है उसी हिसाब से विस्फोटक लगाएं गए हैं. जब सियान के 60% बारूद फट चुके होंगे तब एपेक्स का पहला बारूद फटेगा. सियान टावर पहले गिरेगा उसके कुछ सेकेंड बाद एपेक्स टावर गिरता दिखेगा. ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि वाइब्रेशन को कम किया जा सके.करीब 17 मिली सेकंड से लेकर 200 मिली सेकंड के अंतर पर ब्लास्ट होंगे. सभी बारूद को फटने में 9 सेकंड लगेंगे और बिल्डिंग नीचे गिरने में चार सेकंड लगेंगे. कुल मिलाकर 12 से 13 सेकंड में यह बिल्डिंग पूरी नीचे गिर जाएगी. इसके अलावा 250 मीटर और कहीं- कहीं इससे भी ज्यादा दूरी का एक्सक्लूजन जोन बनाया है. इसके अंदर सिर्फ 6 लोग रहेंगे. वो भी ट्विन टावर से 100 मीटर की दूरी पर रहेंगे. एक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, 3 ब्लास्टर्स और 2 प्रोजेक्ट मैनेजर्स होंगे. इन 6 लोगों के अलावा कोई भी इंसान या जानवर इस एक्सक्लूजन जोन में नहीं रहेगा.
आस-पास की सोसाइटी के लिए क्या हैं निर्देश
ट्विन टावर के विस्फोट से पहले उसके पास बनी दोनों सोसाइटी के लोगों को सुबह 7:00 बजे अपना घरों को खाली करना को कहा गया है. सोसाइटी के हजारों लोग सुबह-सुबह सोसाइटी से बाहर चले जाएंगे और शाम तक जब विस्फोट की पूरी प्रक्रिया खत्म हो जाएगी, उसके बाद वापस लौटेंगे. इस दौरान जिन लोगों की मेडिकल कंडीशन ठीक नहीं है या जो उपचार करवा रहे है उनको फेलिक्स अस्पताल में रखा जाएगा. ट्विन टावर गिराए जाने के दौरान आसपास की सोसाइटी में रहने वाले लोगों को अपनी छतों और बालकनी पर जाने कि इजाजत नहीं है. वहीं 31 अगस्त तक ट्विन टावर के आसपास के एरिया को नो फ्लाई जोन घोषित किया गया है और कोई भी अगर इसका उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा.
इसके अलावा आसपास की सोसायटी से लगभग 3000 गाड़ियां बाहर निकाली जाएगी और 250 मीटर तथा कुछ जगह पर इससे भी ज्यादा दूरी का आइसोलेशन जोन रहेगा. ब्लास्ट वाले दिन यहां पर एक इंसीडेंट कमांडेंट होंगे जो कि डीसीपी लेवल के अधिकारी हैं.
प्रशासन ने क्या किए हैं इंतजाम
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अवैध सुपरटेक ट्विन टावर को 28 अगस्त, रविवार को गिरा दिया जाएगा. 40 मंजिला इमारत को रविवार की दोपहर 2.30 बजे विस्फोट कर गिराया जाएगा. इस कार्रवाई के दौरान बड़ी तादाद में पुलिसकर्मी शहर की ओर ट्विन टावर के आसपास एक किलोमीटर का घेरा बनाकर लॉ एंड ऑर्डर कि सुरक्षा करेंगे. आम लोगों को ट्विन टावर के आसपास बनी सड़कों पर एंट्री नहीं दी जाएगी. इतना ही नहीं शहर में जगह-जगह डाइवर्जन किया गया है और 5 सड़कों को पूरी तरह बंद भी किया गया है. ट्विन टावर के ब्लास्ट वाले दिन स्वास्थ्य महकमा भी मौके पर मौजूद रहेगा. शहर के बड़े-बड़े अस्पतालों में सेफ हाउस बनाए गए हैं. जेपी अस्पताल, यथार्थ अस्पताल और जिला अस्पताल में यह सेफहाउस तैयार किए गए हैं. एंबुलेंस व्यवस्था की जिम्मेदारी को डॉ जयास लाल को दी गई है, और जेपी अस्पताल की जिम्मेदारी नोडल अधिकारी डॉ चंदा को दी गई है, डॉ भारत भूषण फेलिक्स अस्पताल में रहेंगे और यथार्थ अस्पताल की जिम्मेदारी नोडल अधिकारी डॉ रीता संभालेंगी
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