बिहार की सियासी गलियारों में आनंद मोहन की रिहाई इस वक्त सबसे बड़ी ख़बर है. एक तरफ आनंद मोहन की रिहाई से उनका परिवार बेहद खुश है तो दूसरी तरफ गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया (जिनकी 1994 में गैंगस्टर से नेता बने आनंद मोहन सिंह ने हत्या कर दी थी) की बेटी पद्मा और उनकी मां उमा देवी काफी आहत है. उमा देवी ने तो आनंद मोहन को छोड़े जाने के फैसले पर कहा कि उनके साथ अन्याय हुआ है.
लवली आनंद ने बिहार सरकार को कहा शुक्रिया
आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद ने पति की रिहाई पर खुशी जताते हुए कहा, “हम ईश्वर, बिहार सरकार और अपने समर्थकों का आभार व्यक्त करते हैं. खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर सकते. जी कृष्णैया की हत्या का हमें भी दर्द है. अगर यह घटना आनंद मोहन के सामने होती तब वे कभी ऐसा नहीं होने देते. हम उनकी रक्षा करने की पूरी कोशिश करते.”
#WATCH हम ईश्वर, बिहार सरकार और अपने समर्थकों का आभार व्यक्त करते हैं। खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर सकते…जी कृष्णैया की हत्या का हमें भी दर्द है। अगर यह घटना आनंद मोहन के सामने होती तब वे कभी ऐसा नहीं होने देते। हम उनकी रक्षा करने की पूरी कोशिश करते: आनंद मोहन की पत्नी लवली… pic.twitter.com/xMaogV5eAC
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 27, 2023
हम इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे- जी कृष्णैया की बेटी पद्मा
आनंद मोहन की रिहाई पर गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की बेटी पद्मा ने कहा, “नीतीश कुमार ने जो आनंद मोहन की रिहाई का फैसला लिया है वह बहुत ही गलत है. हम चाहते हैं कि सरकार इसपर पुनर्विचार करें. हम इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे.
आंध्र प्रदेश IAS एसोसिएशन ने की बिहार सरकार से पुनर्विचार की अपील
वहीं आंध्र प्रदेश के IAS एसोसिएशन ने गोपालगंज के पूर्व जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के दोषियों की रिहाई पर आपत्ति जताई है और बिहार सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है.
आंध्र प्रदेश के IAS एसोसिएशन ने गोपालगंज के पूर्व जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के दोषियों की रिहाई पर आपत्ति जताई है और बिहार सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है। pic.twitter.com/ltN3nAXFqp
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 27, 2023
27 अप्रैल को तड़के रिहा किए गए आनंद मोहन
आपको बता दें, आनंद मोहन को आज यानी 27 अप्रैल को सुबह 5 बजे रिहा कर दिया गया. पूर्व सांसद आनंद मोहन की जेल से अचानक सुबह में हुई रिहाई के बाद समर्थकों में मायूसी दिखी गई. सहरसा जेल के बाहर कुछ समर्थक सुबह ही पहुंच गए थे. समर्थकों का कहना था कि उन्हें नहीं पता था कि कुछ ऐसा हो जाएगा. आनंद मोहन को अचानक सुबह में ही छोड़ दिया जाएगा. यह भी बताया जा रहा है कि आनंद मोहन के स्वागत की भी तैयारी थी. लकिन अचानक जेल से छोड़ने के फैसले से समर्थक मायूस हैं.
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