पटना ( अभिषेक झा, ब्यूरोचीफ)
सुशासन का दावा करने वाली नीतीश सरकार जघन्य अपराधों की सजा काट रहे कैदियों को जेल से रिहा करने की इतनी जल्दबाजी में है कि उन्हें इस बात तक का ध्यान नहीं है कि कौन कैदी जिंदा है और कौन नहीं?
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गोपालगंज डीएम जी कृष्णैया की हत्या के मामले में उम्र कैद के सजायाफ्ता आनंद मोहन को रिहा करने के साथ साथ जिन 26 अन्य कैदियो को छोड़ा गया है उनमें एक कैदी ऐसा हैं जिसकी 2022 में इलाज के दौरान मौत हो चुकी है.कैदी पतिराम राय की नवंबर 2022 में ही इलाज के दौरान मौत हो गई थी. बक्सर जेल में बंद रहे पतिराम राय (Prisoner Patiram Rai) की मौत की जानकारी सरकार को नहीं थी.बक्सर जेल में बंद कुल 5 बंदियों को रिहा करने का आदेश जारी हुआ था पति राम (Prisoner Patiram Rai) इनमें से एक था. आज बक्सर जेल से किशन देव राय, राजबल्लभ यादव और रामाधार राय को रिहा किया गया. जेल से रिहा किये गये कैदियों में अधितकतर का संबंध राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से है.