प्रयागराज : अपराधी से माफिया और फिर राजनेता बने अतीक अहमद और अशरफ की हत्या प्रयागराज के लिए कोई नई बात नहीं है. इससे पहले भी प्रयागराज में कई नेताओं की हत्या हो चुकी है.राजनीतिक हत्याओं के लिए प्रयागराज कुख्यात रहा है.
प्रदेश में सबसे ज्यादा राजनीतिक हत्या प्रयागराज में
कहते हैं कि प्रदेश में अब तक सबसे ज्यादा राजनीतिक हत्याएं प्रयागराज में हुई हैं.अपराधी से माफिया बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ समेत अब तक पांच जनप्रतिनिधियों की हत्या प्रयागराज में हो चुकी है. अतीक अहमद खुद पूर्व सांसद और विधायक रह चुका था. उसका भाई अशरफ भी पूर्व विधायक था.
हमलावर मीडियाकर्मी बन कर आए थे
उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस अभिरक्षा में रहने के बावजूद पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई पूर्व विधायक अशरफ की एक साथ हत्या कर दी गई. जिस समय हमलावरों ने नजदीक से गोलियां चलाई उस समय दोनों भाई के हाथों में हथकड़ियां लगी हुई थी. मीडिया कर्मी बनकर आए हमलावरों ने पहली गोली अतीक को मारी जिससे वो घटनास्थल पर ही गिर पड़ा. उसके साथ ही अशरफ भी गिर पड़ा. हमलावरों ने पुलिस के रहते हुए दोनों को घेरकर ताबड़तोड़ गोलियां चला कर मार डाला.
सबसे पहले विधायक जवाहर यादव की हुई थी हत्या
प्रयागराज में सबसे पहले विधायक जवाहर यादव उर्फ पंडित की 1996 सिविल लाइंस मे एके-47 से हत्या कर दी गई थी. इसमें उदय भान करवरिया, कपिल मुनि करवरिया मुख्य आरोपी थे. उदय भान और कपिल मुनि करवरिया दोनों ही जनप्रतिनिधि रह चुके थे. फूलपुर के विधायक महेंद्र सिंह की भी इसी तरह हत्या की गई. 25 जनवरी 2005 में तत्कालीन विधायक राजू पाल की भी हत्या की गई जिसमें अतीक अहमद और अशरफ आरोपी थे. और अब इस कड़ी में अतीक और अशरफ का नाम भी जुड़ गया है.
पुलिस हाई अलर्ट है
अतीक और अशरफ की हत्या के बाद यूपी में पुलिस हाइ अलर्ट पर है. उमेश पाल की पत्नी और मां की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. अतीक का नाबालिग बेटा जिस सुधार गृह में बंद है वहां भी सुरक्षा पुख्ता कर दी गई है.