मंगलवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेज़ी से वायरल होने लगा. वीडियो फिरोज़ाबाद का बताया जा रहा था और उसमें एक सिपाही खाने की प्लेट लिए रोता नज़र आ रहा था. सिपाही का नाम मनोज कुमार है और वह वर्दी में ही अपनी आपबीती सुनाने सड़क पर पहुंचा था. सिपाही का कहना था कि पुलिस में उससे 12-12 घंटे काम कराया जाता है. लेकिन इतनी मेहनत के बाद जो खाना उन्हें दिया जाता है उसे जानवर भी नहीं खाएगा.
सिपाही का दावा था कि उसने खाने की गुणवत्ता को लेकर आला अधिकारियों से भी शिकायत की लेकिन कोई उसकी बात सुनने को तैयार नहीं हुआ. मनोज की ज़िद थी की वो सड़क पर ही बैठा रहेगा जबतक उसकी शिकायत नहीं सुनी जाएंगी.
वीडियो के बारे में जब ख़बर पुलिस के आला अधिकारियों को हुई तो पुलिस की एक गाड़ी मनोज को अपने साथ बिठा वहां से ले गई.
बाद में इस मामले में फिरोजाबाद पुलिस ने एक ट्वीट भी किया – मेस के खाने की गुणवत्ता से सम्बन्धित शिकायती ट्वीट प्रकरण में खाने की गुणवत्ता सम्बन्धी जांच सीओ सिटी कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि उक्त शिकायतकर्ता आरक्षी को आदतन अनुशासनहीनता, गैरहाजिरी व लापरवाही से सम्बन्धित 15 दंड विगत वर्षो में दिए गए हैं.
मैस के खाने की गुणवत्ता से सम्बन्धित शिकायती ट्वीट प्रकरण में खाने की गुणवत्ता सम्बन्धी जांच सीओ सिटी कर रहे है।
उल्लेखनीय है कि उक्त शिकायतकर्ता आरक्षी को आदतन अनुशासनहीनता, गैरहाजिरी व लापरवाही से सम्बन्धित 15 दण्ड विगत वर्षो में दिये गये है । @Uppolice @dgpup @adgzoneagra
— Firozabad Police (@firozabadpolice) August 10, 2022
पुलिस के इस ट्वीट में भले ही जांच की बात कहीं गई हो लेकिन इसमें जिस तरह से शिकायत करने वाले सिपाही तो आदतन अनुशासनहीनता करने वाला बताया गया उससे तो साफ है कि आला अधिकारी मनोज की शिकायत पर सिर्फ लीपा-पोती करने का काम कर रहे है.
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