इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर से सामने आए एक चर्चित मामले में बीजेपी सांसद शंकर लालवानी के बेटे मीत लालवानी को एचडीएफसी बैंक ने बकाया रकम न चुकाने पर नोटिस जारी किया है. मीत पर आरोप है कि उन्होंने लंबे समय तक क्रेडिट कार्ड का बिल नहीं भरा, जिससे उनकी देनदारी करीब 14 लाख 91 हजार रुपये तक पहुंच गई. नोटिस में बैंक का कहना है कि क्रेडिट कार्ड से बड़े पैमाने पर लेनदेन ऑनलाइन सट्टेबाजी और गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर किए गए, जिनमें पोकर और बाजी नेटवर्क जैसे ऐप्स शामिल बताए जा रहे हैं।
बैंक ने लगाया भुगतान नहीं करने का आरोप
बैंक की रिकवरी टीम का आरोप है कि बार-बार संपर्क करने और घर तक जाने के बावजूद मीत से कोई सहयोग नहीं मिला सका. यहां तक कि जब अधिकारी सांसद के आवास पहुंचे, तो सुरक्षा कर्मियों ने यह कहते हुए लौटा दिया कि मीत घर पर नहीं हैं. बैंक ने यह भी स्पष्ट किया है कि लगातार फोन कॉल, पत्र और मुलाकातों का कोई नतीजा नहीं निकला, इसलिए अब कानूनी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. आरोप है कि कार्ड जारी होने के बाद किश्तें कुछ साल तक समय पर जमा होती रहीं, लेकिन 2024 में भुगतान अचानक बंद कर दिया गया. बैंक के वकीलों का दावा है कि यह मामला केवल बकाया राशि का नहीं, बल्कि गलत नीयत से भुगतान टालने का है, जो भारतीय न्याय संहिता की गंभीर धाराओं के तहत अपराध माना जाता है. चेतावनी दी गई है कि तय समय में बकाया जमा नहीं किया गया तो अदालत में मामला दर्ज कर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें सजा और जुर्माना दोनों शामिल हो सकते हैं।
मीत ने किया बैंक के आरोपों को खारिज
हालांकि, मीत लालवानी ने इन आरोपों को खारिज किया है. उनका कहना है कि एचडीएफसी बैंक से उन्होंने किसी प्रकार का लोन नहीं लिया और उनके ऊपर लगाए गए आरोप निराधार हैं. वे दावा करते हैं कि उनके पास सिर्फ आईसीआईसीआई बैंक का लोन है, जिसकी किश्तें वे नियमपूर्वक भर रहे हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि यदि क्रेडिट कार्ड पहले ही बंद करवा दिया गया था, तो यह बकाया किस लेनदेन का है. क्या सचमुच लाखों रुपये के खर्च उनके ही नाम पर हुए या मामला कहीं और उलझा हुआ है।

