ED Action WinZO Founder: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म WinZO के संस्थापक सौम्या सिंह राठौर और पवन नंदा को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में बेंगलुरु से गिरफ्तार किया है. यह जानकारी गुरुवार को ED के अधिकारियों ने दी. अधिकारियों ने गिरफ्तार करने के बाद दोनों को एक स्थानीय कोर्ट में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने दोनों को एक दिन की हिरासत में भेज दिया. फिलहाल, दोनों से पूछताछ जारी है.
ईडी अधिकारियों के अनुसार, पूछताछ और जांच के बाद रिमांड आवेदन पर विस्तृत बहस के लिए आज सुबह 11:30 बजे दोनों को फिर से पेश किया जाएगा. सोमवार को, ईडी ने WinZO के संस्थापकों को लेकर एक बयान दिया था. जिसमें आरोप लगाया कि कंपनी ने गेमर्स के ₹43 करोड़ के फंड “रखे” हुए थे. जबकि भारत में रियल-मनी गेमिंग पर प्रतिबंध लगने के बाद यह पैसा खिलाड़ियों को वापस कर दिया जाना चाहिए था. लेकिन इन्होंने ऐसा नहीं किया. जिसके बाद कार्रवाई की जा रही है.
बेईमानी तरीके से काम करने का आरोप
इसके बाद ईडी की टीम ने पिछले हफ्ते धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत छापेमारी की. जिसमें ऑनलाइन गेमिंग की पेशकश करने वाली एक अन्य कंपनी, विनज़ो और गेमज़क्राफ्ट के परिसरों और उनके प्रमोटरों पर के पूछताछ भी की. ईडी ने WinZO पर “आपराधिक गतिविधियों और बेईमानी तरीके से काम करने का आरोप लगाया था क्योंकि प्लेटफॉर्म द्वारा ग्राहकों को बिना बताए एल्गोरिदम के साथ खेलने के लिए मजबूर किया जाता था कि वे असली पैसे वाले खेलों में इंसानों के साथ नहीं, बल्कि सॉफ़्टवेयर के साथ खेल रहे हैं.”
43 करोड़ की राशि नहीं की वापस
ईडी के अनुसार, WinZO ब्राज़ील, अमेरिका और जर्मनी जैसे देशों में भारत से असली पैसे वाला खेल (आरएमजी) चला रहा था. जांच के बाद ईडी ने यह भी आरोप लगाया, “केंद्र सरकार द्वारा आरएमजी पर प्रतिबंध (22/08/2025 से प्रभावी) के बाद भी, कंपनी के पास अभी भी ₹43 करोड़ की राशि है, जिसे गेमर्स/ग्राहकों को वापस नहीं किया गया है.”
WinZo का पैसा अमेरिका के बैंक में जमा
जांच के दौरान यह भी पाया गया कि भारतीय संस्था द्वारा विदेशी निवेश की आड़ में धन को अमेरिका और सिंगापुर भेजा गया है. ईडी का आरोप, “5.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर (करीब ₹489.90 करोड़) की धनराशि WinZO अमेरिका स्थित बैंक खाते में जमा है, जो एक मुखौटा कंपनी है क्योंकि सभी संचालन और रोजमर्रा की व्यावसायिक गतिविधियां और बैंक खातों का संचालन इंडिया से ही किया जाता था.”

