बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्शन कमीशन ऑफ़ इंडिया (ECI) को केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को चुनौती देने वाली पिटीशन पर 1 दिसंबर तक जवाब फाइल करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही कोर्ट ने केरल सरकार की अर्जी पर 2 दिसंबर, तमिलनाडू की अर्जी पर 4 दिसंबर और बंगाल की अर्जी पर 9 दिसंबर को अलग अलग सुनवाई की तारीख तय की.
जमीन पर हालात ठीक हैं और नेता बेवजह डर पैदा कर रहे हैं-ECI
यह निर्देश तब आया जब ECI ने तर्क दिया कि ज़मीन पर हालात ठीक हैं और नेता बेवजह डर पैदा कर रहे हैं. ECI की ओर से पेश सीनियर वकील राकेश द्विवेदी ने कोर्ट को बताया कि SIR को चुनौती देने वाली याचिकाओं में जो बताया गया है, उससे हालात अलग हैं. उन्होंने कहा कि केरल में 99% गिनती के फ़ॉर्म बांटे जा चुके हैं, और ज़्यादातर काम पहले ही हो चुका है.
“ECI केरल स्टेट इलेक्शन कमीशन (KSEC) के साथ कोऑर्डिनेट और सलाह कर रहा है और कमीशन ने भरोसा दिया है कि गिनती का काम 4 दिसंबर तक खत्म हो जाएगा. इस मामले की सुनवाई उसके बाद की जा सकती है.”
BLO पर दबाव डाला जा रहा है – याचिकाकर्ता
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया कि हालात काफी अलग हैं क्योंकि गिनती के काम में लगे बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) पर दबाव डाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि कई BLO ने सुसाइड कर लिया है, जबकि कुछ अस्पताल में भर्ती हैं.
द्विवेदी ने कहा कि KSEC ने कहा है कि लोकल बॉडी इलेक्शन से उनके काम में कोई रुकावट नहीं आ रही है. “इन कामों में उनका जवाब भी ज़रूरी है. मेरे पास यह दिखाने के लिए डेटा है कि काम आसानी से चल रहा है. ये पॉलिटिकल पार्टियां और नेता ही डर पैदा कर रहे हैं.”
कोर्ट ने केरल चुनाव आयोग को अलग से जवाब देने कहा
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने कहा कि वह KSEC से भी अपना जवाब फाइल करने को कहेगी. “हमें ECI से ऑफिशियल कन्फर्मेशन भी मिलेगी. वे ज़मीन पर क्या हो रहा है, इसकी साफ जानकारी देंगे.”
कौन है SIR के खिलाफ पिटीशन दाखिल करने वाले लोग
कोर्ट तीन राज्यों में SIR को चुनौती देने वाली कई पिटीशन पर सुनवाई कर रहा है. पिटीशनर में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, केरल कांग्रेस के पदाधिकारी, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सिस्ट), और तृणमूल कांग्रेस की लीडर डोला सेन शामिल हैं.
केरल सरकार की SIR टालने की मांग पर 2 दिसंबर को होगी सुनवाई
केरल सरकार ने भी SIR को टालने की रिक्वेस्ट करते हुए एक पिटीशन फाइल की है, क्योंकि यह 9 और 11 दिसंबर को लोकल बॉडी इलेक्शन के साथ टकरा रहा है. इसमें कहा गया है कि SIR के लिए ऑफिसर्स को तैनात करने से इलेक्शन के ठीक से होने पर बुरा असर पड़ेगा.
कोर्ट केरल में अर्जेंसी को देखते हुए 2 दिसंबर को मामले की सुनवाई के लिए मान गया.
कोर्ट ने याचिकाओं को लेकर क्या पूछा
सीनियर एडवोकेट राजू रामचंद्रन, जिन्होंने तमिलनाडु में SIR को चैलेंज करने वाले कुछ पिटीशनर्स को रिप्रेजेंट किया, ने कहा कि उनके राज्य में भी अर्जेंसी है, क्योंकि 50% फॉर्म बांटे जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि रुक-रुक कर हो रही बारिश और आने वाले साइक्लोन की वजह से BLOs को घर-घर जाने में दिक्कत हो रही है.
जब कोर्ट ने पूछा कि क्या सभी पिटीशन सिर्फ SIR प्रोसेस को चैलेंज कर रही हैं, तो सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने जवाब दिया कि कई पिटीशन्स में प्रोसेस के बेसिस और इसकी टाइमिंग पर सवाल उठाए गए हैं.
बंगाल में 23 BLOs ने की आत्महत्या- कल्याण बनर्जी
सीनियर वकील कल्याण बनर्जी ने पश्चिम बंगाल SIR को चुनौती देते हुए कहा कि राज्य में 23 BLOs ने सुसाइड कर लिया है. उन्होंने कहा कि अगर केस की सुनवाई नहीं होती है, तो ड्राफ़्ट रोल 9 दिसंबर तक पब्लिश कर दिया जाएगा. बनर्जी ने कोर्ट से राज्य सरकार को जवाब देने के लिए नोटिस जारी करने की रिक्वेस्ट की.
कोर्ट बंगाल के लिए 9 और तमिलनाडू मामले में 4 दिसंबर को अलग से सुनवाई करेगा
बेंच ने कहा, “अगर हमें लगता है कि राज्य में कोई चिंताजनक स्थिति हो गई है और बड़ी संख्या में लोग छूट गए हैं, तो हम कह सकते हैं कि आपने हमारे दखल के लिए एक अच्छा केस बनाया है.”
कोर्ट तमिलनाडु के मामलों के लिए 4 दिसंबर और पश्चिम बंगाल के लिए 9 दिसंबर को एक डेडिकेटेड सुनवाई करने पर सहमत हो गया. कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को अपना जवाब देने की इजाज़त दी. वह बिहार में SIR की कॉन्स्टिट्यूशनल वैलिडिटी की अलग से जांच कर रहा है.
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