Ayodhya ShriRam Temple : अयोध्या में श्रीराममंदिर के शिखर पर पवित्र धर्म ध्वजा फहराने के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. मंगलवार 25 नवंबर को विवाह पंचमी के शुभ मौके पर अभिजीत मूहुर्त में भव्य समारोह में मंदिर के शीर्ष पर धर्म ध्वजा फाहराई जायेगी. ये धर्म ध्वजा तब फहराई जा रही है जब इस भव्य मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो गया है.
#WATCH | Uttar Pradesh | The city of Ayodhya is being decorated with flowers ahead of the flag hosting ceremony at Shri Ram Janmabhoomi Temple in Ayodhya on 25 November. pic.twitter.com/9ZaMSWklDQ
— ANI (@ANI) November 23, 2025
Ayodhya ShriRam Temple में ध्वाजारोहण के लिए भव्य तैयारी
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस आयोजन के लिए भव्य तैयारियां की हैं. पूरे शहर के रास्तों को करीब 100 टन फूलों से सजाया गया है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री के आगमन के लिए बहुस्तरीय सुरक्षा इंतजाम किये गये हैं. इस आयोजन में 7000 से अधिक मेहमानों को बुलाया गया है, जिसमें अति विशिष्ट और विशिष्ट अतिथियों के साथ-साथ कई देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं. इस आयोजन में समाज के वंचित वर्गों के प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया है. हालांकि इस भव्य आयोजन में देश विदेश के मेहमान आ रहे हैं लेकिन अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद को निमंत्रण नहीं दिया गया है.
धर्मध्वाजा आरोहण का क्या है महत्व ?
आम तौर पर हिंदू मंदिरों में मंदिर पूरी तरह से बन जाने के बाद उसका शिखर बनाया जाता है और शिखर पर एक धर्म ध्वाजा फहराई जाती है. राम मंदिर में होने वाला या ये आयोजन विशुद्ध रुप से एक धार्मिक आयोजन है, जो इस भव्य मंदिर के निर्माण की पूर्णता का प्रतीक है.
Ayodhya Ram Mandir, 42 feet Dwaj Stambh Installed on Main temple Shikhar 👋 pic.twitter.com/SG2OgMxEZ6
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25 नवंबर को ही क्यों हो रहा है धर्मध्वजा का आरोहण
इस साल 25 नवंबर का दिन बेहद खास है. शास्त्रों के मुताबिक इस साल 25 नवंबर के दिन ‘विवाह पंचमी’ का योग बन रहा है. इस तिथी को भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह से जुड़ा माना जाता है. शास्त्रों के मुताबिक भगवान श्री राम और माता सीता का विवाह मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को ही मानी जाती है.
25 नवंबर को अय़ोध्या राम मंदिर में क्या होगा ?
25 नवंबर यानी मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी श्री राम मंदिर के शिखर पर एक केसरिया धर्म ध्वजा फहरायेंगे ,जिसका आकार 11×22 फीट का होगा. इसे खास तौर से पैराशूट फैब्रिक और रेशमी धागों से बनाया गया है, ताकि ये ध्वज हर मौसम की चुनौतियों का आसानी से सामना कर सके. श्री राम मंदर की संरचना पारंपरिक उत्तर भारतीय नागर स्टाइल में की गई है. इसी स्टाइल में बने शिखर पर केसरिया रंग का झंडा फहराया जाएगा. मंदिर के उपरी हिस्से में दक्षिण भारतीय स्टाइल में 800 मीटर का परकोटा भी बनाया गया है, जो मंदिर के आर्किटेक्चरल डायवर्सिटी को दिखाता है.
धर्म ध्वजा पर अंकत चिन्हों का महत्व
मंदिर के शीर्ष पर लगने वाला इस धर्म ध्वजा में कुछ खास चिन्ह अंकित किये गये है जिसका सनातन धर्म में बेहद महत्व है. इस झंडे में भगवान श्रीराम की वीरता का प्रतीक एक चमकता हुआ सूरज, ‘ॐ’ और कोविदारा का पेड़ अंकित होगा.
- ॐ: सनातन संस्कृति में अध्यात्म, अनंतत्व और निरंतर गतिशीलता का प्रतीक। यह ध्वजारोहण के माध्यम से आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करेगा.
- सूर्य चिह्न: भगवान राम के सूर्यवंश से जुड़ाव को दर्शाता है, जो शौर्य, तेज और पराक्रम की ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है।
- कोविदार वृक्ष: त्रेता युग में अयोध्या का राजवृक्ष, जो शांति, वैराग्य, औषधीय शक्ति और समृद्धि का प्रतीक है। यह जीवन में स्थिरता, स्वास्थ्य और संतुलन प्रदान करने का संदेश देता है।
इस झंडे के बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की तऱफ से कहा गया है कि ये झंडा गरिमा, एकता और सांस्कृतिक निरंतरता दिखाता है, जिसमें रामराज्य की गरिमा और आदर्श समाहित है.
आय़ोध्या में कहां-कहां जायेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी इस कार्यक्रम के लिए सुबह अयोध्या पहुंच जायेंगे और यहां परंपरागत पूजापाठ और अनुष्ठान के बाद अभिजीत मुहूर्त में मंदिर के शिखर पर धर्म-ध्वजा फहरायेंगे. पीएम मोदी अयोध्या आन के बाद यहां से सप्तमंदिर के दर्शन के लिए भी जाएंगे, जहां महर्षि वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुहा और माता शबरी को समर्पित मंदिर हैं. इसके बाद वे शेषावतार मंदिर और माता अन्नपूर्णा मंदिर जाएंगे. वे राम दरबार गर्भ गृह और राम लल्ला गर्भ गृह में दर्शन और पूजा करेंगे और लोगों को संबोधित भी करेंगे.

