इंदौर | राज्य सरकार द्वारा जब उज्जैन के लिए लैंड पूलिंग एक्ट के तहत किसानों की जमीन लेने का फैसला निरस्त किया जा सकता है तो फिर इंदौर से उज्जैन तक बनाए जाने वाला ग्रीन फील्ड कॉरिडोर क्यों नहीं निरस्त किया जा सकता है? यह सवाल कल ग्राम रतनखेड़ी में आयोजित किसानों की बैठक में उठाया गया। कॉरिडोर को रद्द करने की मांग के लिए गांव रतनखेड़ी में कैलाश पटेल के यहां सभी गांव के किसान इक_े हुए। उन्होंने अपनी जमीन बचाने के लिए किसी भी हद तक लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया। संघर्ष समिति के संजय पटेल ने कहा कि हमारी मांग यही है कि ग्रीन फील्ड कॉरिडोर योजना सरकार रद्द करे।
किसानों ने क्षेत्रीय विधायक तुलसी सिलावट से आग्रह किया कि जब मुख्यमंत्री अपने क्षेत्र में लैंड पूलिंग योजना निरस्त करवा सकते हैं तो आप आपके सामने क्षेत्र में इस किसान विरोधी प्रोजेक्ट ग्रीन फील्ड कॉरिडोर को क्यों रद्द नहीं करवा सकते? किसानों ने कहा कि सांवेर की दो सड़कें उज्जैन को जोड़ती है, उनको ही चौड़ा कर दिया जाए। एक सड़क सुपर कॉरिडोर से होकर पालाखेड़ी, लिंबोदा एवं सांवेर विधानसभा क्षेत्र के पालिया, धतुरिया, ठाकुण, नागपुर, चित्तौड़ा, रालामंडल होते हुए बड़ोदिया खान में इंदौर-उज्जैन रोड को जोड़ती है, तो दूसरी सड़क इंदौर-देपालपुर मार्ग के हातोद से प्रारंभ होकर कांकरिया बोड़िया, बसानदरा, नाहरखेड़ा, कांकरिया पाल, कछालिया, खलखला होते हुए चंद्रावतीगंज से उज्जैन जिले के फतेहाबाद होते हुए चिंतामन गणेश तक जाती है। यह सिंगल रोड है एवं उनकी हालत बहुत ज्यादा खराब है।

