Friday, November 21, 2025

Nepal Unrest: नेपाल में 2 महीने बाद फिर से Gen-Z का विरोध प्रदर्शन, CPN-UML कैडर के साथ झड़प के बाद, बारा ज़िले में लगाया गया कर्फ्यू

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Nepal Unrest: एक बार फिर नेपाल में प्रदर्शनों का दौर शुरु हो गया है. नेपाल में युवा प्रदर्शनकारी एक बार फिर सड़कों पर उतर आए है. इस बार ‘Gen Z’ के निशाने पर सत्ता से बाहर हुई पुरानी रूलिंग पार्टी के वफादार है. ताज़ा अशांति के कारण अधिकारियों को गुरुवार को बारा ज़िले में कर्फ्यू लगाना पड़ा.

Nepal Unrest: Gen-Z और UML कैडर के बीच बढ़ा तनाव

भारत के बिहार राज्य की सीमा से लगे बारा ज़िले में गुरुवार को लगातार दूसरे दिन भी तनाव बना रहा, क्योंकि खुद को Gen Zs बताने वाले युवा CPN-UML कैडर के साथ झड़प के एक दिन बाद सड़कों पर लौट आए. आज सुबह से ही प्रदर्शनकारी सिमारा की सड़कों पर जमा हो रहे थे और पुलिस के साथ उनकी झड़प हो रही थी. स्थानीय अधिकारियों ने अशांति को रोकने के लिए दोपहर 1 बजे से रात 8 बजे (लोकल टाइम) तक कर्फ्यू लगा दिया है.
असिस्टेंट चीफ डिस्ट्रिक्ट ऑफिसर छविरामन सुबेदी ने ANI को कन्फर्म किया, “पुलिस के साथ झड़प के बाद हालात को कंट्रोल में लाने के लिए कर्फ्यू फिर से लगा दिया गया है.” यह घटना बुधवार को हुई झड़पों में छह Gen Z प्रदर्शनकारियों के घायल होने के एक दिन बाद हुई है.

UML कैडर का विरोध कर रही है Gen-Z

बुधवार को तनाव तब शुरू हुआ, जब UML (यूनिफाइड मार्क्सिस्ट लेनिनिस्ट) नेताओं ने 5 मार्च, 2026 को होने वाले चुनाव से पहले जिले में आने की योजना बनाई.

पीटीआई ने पुलिस के हवाले से बताया कि झड़प तब हुई जब बुद्ध एयर की एक फ़्लाइट, जिसमें CPN-UML के जनरल सेक्रेटरी शंकर पोखरेल और पार्टी के युवा नेता महेश बसनेत थे, काठमांडू से सिमारा के लिए टेक ऑफ़ करने वाली थी, जहाँ उन्हें सरकार विरोधी रैली को एड्रेस करना था.
19 नवंबर को एयरपोर्ट के पास सिमारा चौक पर हुए टकराव में Gen Z के छह समर्थक घायल हो गए, जिसके बाद उन्होंने UML के छह कार्यकर्ताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.
जैसे-जैसे टकराव बढ़ा, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस छोड़ी, जिससे एयरपोर्ट पर ऑपरेशन रोकना पड़ा.

सितंबर में “Gen Z” ने किया था तख्ता पलट

सितंबर में, सोशल मीडिया पर सरकार के कुछ समय के बैन के गुस्से में हुए प्रदर्शनों में कम से कम 76 लोग मारे गए थे. इन प्रदर्शनों को “Gen Z” नाम के प्रदर्शनकारियों ने लीड किया था.
प्रदर्शनकारियों ने उस समय के प्रधानमंत्री और UML के चेयरमैन केपी ओली को पद छोड़ने पर मजबूर कर दिया था. जिसके बाद नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस 73 साल की सुशीला कार्की ने अंतरिम सरकार की देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली.

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