भोपाल/उज्जैन. मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Mohan Yadav) की सरकार (government) ने उज्जैन सिंहस्थ (Ujjain Simhastha) 2028 के संबंध में एक बड़ा और अहम फैसला लिया है। सरकार ने किसानों (farmers) के भारी विरोध के चलते सिंहस्थ के लिए लाई गई लैंड पूलिंग (land pooling) योजना को निरस्त कर दिया है। यह फैसला मंगलवार को भारतीय किसान संघ के प्रस्तावित बड़े प्रदर्शन से ठीक एक दिन पहले लिया गया है।
CM मोहन यादव ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर भारतीय किसान संघ के बैनर तले आए किसानों से मुलाकात की। चर्चा के बाद सिंहस्थ लैंड पूलिंग को निरस्त करने का निर्णय लिया गया. मुख्यमंत्री ने नगरीय प्रशासन विकास विभाग और जिला प्रशासन को आदेश जारी करने के निर्देश दिए.
क्या था सिंहस्थ लैंड पूलिंग?
उज्जैन में साल 2028 में सिंहस्थ कुंभ होना है. इसके लिए उज्जैन में 2 हजार 376 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना था और स्थायी निर्माण होना था. लेकिन किसान संगठन स्थायी निर्माण का विरोध कर रहे थे. उज्जैन विकास प्राधिकरण इसके लिए किसानों की कृषि योग्य जमीन को अधिग्रहित करती जहां 60 फीट, 80 फ़ीट और 200 फीट तक की स्थायी रोड बनती जो सिंहस्थ में भीड़ प्रबंधन में बड़ी भूमिका अदा करती.
ऐसा पहली बार हो रहा था कि जब सिंहस्थ भूमि पर स्थायी सड़कें, बिजली के पोल और अन्य निर्माण कार्य किए जाते, जबकि अभी तक सिंहस्थ में सिर्फ 2 महीनों के लिए अस्थायी निर्माण जैसे टैंट, तंबू, अस्थायी शेड और अखाड़े लगते थे.
लैंड पूलिंग के तहत जिस किसान की ज़मीन अधिग्रहित होती उसका 50 फीसदी मालिकाना हक किसान के पास ही रहता. हालांकि, किसान संगठनों ने इसका विरोध किया और मांग की थी कि सिंहस्थ को पहले के ही तरह के स्वरूप में किया जाए और सिंहस्थ भूमि पर किसी भी प्रकार का अस्थायी निर्माण न हो, क्योंकि 12 साल में आने वाले सिंहस्थ महाकुंभ के लिए किसान और ग्रामीण स्वेच्छा से अपनी भूमि सदियों से देते आये हैं तो फिर लैंड पूलिंग क्यों करना?
माना जा रहा है कि मंगलवार को यदि किसान संगठन उज्जैन पहुंचकर प्रदर्शन शुरू करते तो उन्हें वहां से हटाना बेहद मुश्किल हो जाता और बड़ी संख्या में देश भर के किसान संगठन उज्जैन की ओर कूच कर सकते थे लिहाज़ा इसकी भनक लगते ही सरकार ने लैंड पूलिंग पर अपने कदम वापस खींच लिए.
कांग्रेस ने कहा- ये किसानों की जीत
मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने खुशी जताते इस फैसले को किसानों की जीत बताया है. कांग्रेस नेता ने X पर लिखा, ”सिंहस्थ लैंड पुलिंग पर किसानों की जीत! उज्जैन के किसानों की जमीन छीनने की कोशिश के खिलाफ जबरदस्त जनविरोध के बाद आखिरकार सरकार को पीछे हटना पड़ा.
सिंघार ने लिखा, हमने शुरुआत से कहा था कि किसानों पर अन्याय करोगे तो जवाब देना पड़ेगा. आज वही हुआ. सरकार को लैंड पुलिंग नीति निरस्त करनी पड़ी. मैंने लगातार किसानों के इस मुद्दे को विधानसभा में भी और जनता के बीच भी उठाया और उनकी आवाज़ को मजबूती देने की कोशिश की. किसानों के हक़ की लड़ाई में हम हमेशा साथ खड़े हैं.”

