Ranchi: राजधानी में हरी सब्जियों के दाम पिछले कई दिनों से लगभग एक ही स्तर पर बने हुए हैं। ठंड की शुरुआत के बावजूद बाजार में अपेक्षित कमी नहीं देखी जा रही है। रोजमर्रा की सब्जियां महंगी होने से उपभोक्ताओं का रसोई बजट बिगड़ता नजर आ रहा है।
स्थानीय बाजारों में कीमतों का यह स्थिर रुख किसानों और व्यापारियों के अनुमान से भी अलग है। उम्मीद जताई जा रही थी कि सर्दी की शुरुआत के साथ सब्जियों की आपूर्ति बढ़ेगी, मगर भारी बारिश से फसलों को हुआ नुकसान अब भी बाजार को प्रभावित कर रहा है।
बारिश से खेती को भारी नुकसान, उत्पादन घटाः
किसान के अनुसार, दुर्गा पूजा और छठ के बाद हुई भारी बारिश ने कई इलाकों में तैयार फसलों को खराब कर दिया। खेतों में जलभराव और पौधों के सड़ने से उत्पादकता प्रभावित हुई। इसके कारण सब्जियों की बाजार आपूर्ति कम हो गई और कीमतें स्थिर बनी रहीं। उन्होंने बताया कि अब मौसम अनुकूल है और नई फसलें खेतों में तेजी से बढ़ रही हैं। अगले 15–20 दिनों में नई सब्जियों की आवक बढ़ेगी, तब जाकर बाजार में राहत मिल सकती है।
नया आलू बाजार में, थोड़ी राहतः
रांची के सब्जी बाजारों में इन दिनों नया आलू पहुंचने लगा है। यह स्थानीय खेतों के साथ-साथ छत्तीसगढ़ से भी आ रहा है।
नया आलू: 40–50 रुपये/किलो
आलू लाल: 25 रुपये/किलो
आलू सादा: 18–20 रुपये/किलो
नए आलू आने से आलू की कीमतों में हल्की नरमी दर्ज की गई है। हालांकि अन्य सब्जियों के मुकाबले इसका प्रभाव सीमित है।
टमाटर के दाम अभी भी ऊंचेः
टमाटर के दाम फिलहाल उपभोक्ताओं को राहत नहीं दे रहे हैं। टमाटर अभी 40–60 रुपये/किलो बिक रहा है। किसानों का कहना है कि बारिश में फसल प्रभावित होने से टमाटर की आपूर्ति सामान्य नहीं हो पाई है, इसलिए कीमतों में गिरावट की संभावना कम दिख रही है।
कुछ सब्जियां सस्ती, पर कुल मिलाकर ऊंची कीमतेंः
कद्दू, ओल, कच्चू जैसी कुछ सब्जियों के दाम कम हैं, लेकिन ज्यादातर हरी सब्जियां अब भी महंगी बिक रही हैं।उपभोक्ता मजबूरी में रोजाना की जरूरतें कम मात्रा में खरीद रहे हैं। पाव और आधा किलो की खरीदारी बढ़ गई है। बाजारों में मेथी, पालक, बथुआ और चना साग की अच्छी आवक है, लेकिन कीमतें बढ़ी हुई हैं, जिससे आम लोगों की जेब पर असर साफ दिख रहा है।
रांची बाजार में सब्जियों के दाम (प्रति किलो):
- सब्जी कीमत (₹/किलो)
- फूलगोभी (मीडियम) 50–60
- फूलगोभी (बड़ी) 60–70
- पत्ता गोभी 40–50
- आलू लाल 25
- आलू सादा 18–20
- आलू नया 40
- प्याज 25
- पालक साग 50–60
- हरा साग 35–40
- मेथी साग 70–80
- मूली 30–40
- सेम सादा 80–90
- धनिया पत्ता 200–250
- टमाटर 50–60
- शिमला मिर्च 60–80
- सेम हरा 60–70
- बोटी 50–60
- मटर छीमी 140–160
- गाजर 70–80
- बीट 50–60
- कटहल 150–160
- बैंगन बड़ा 60–80
- कच्चू, कुंदरी, ओल, कद्दू 30–40
- फेचबीन 50–60
स्थानीय किसानों का कहना है कि खेतों में सब्जियों की नई पैदावार तेज़ी से बढ़ रही है। अगले तीन सप्ताह में बाजार में ताज़ी सब्जियों की मात्रा बढ़ेगी, जिससे कीमतें स्वाभाविक रूप से घटेंगी। उपभोक्ताओं को लगभग 20 दिनों बाद राहत मिलने की संभावना है।

