जोशीमठ में भूधंसाव लगातार जारी है. भू धंसाव के चलते यहां के मकानों और इमारतों में दरारें बढ़ रही है जिससे स्थिती दिन ब दिन खराब होती जा रही है. हालत ये है कि अब तो एक मकान की छत भी टूट गई है. घटना सिंहधार की है.
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घर टूट रहे है जहां शरण ली है वो भी है खतरे में
जानकारी के मुताबिक सिंहधार में दरारों से प्रभावित एक मकान की छत टूट गई. इसके साथ ही मकान का आंगन भी काफी धंस गया है. वहीं इस इलाके में एक और मकान और गोशाला को भी खतरा पैदा हो गया है. आपको बता दें प्रशासन यहां रहने वाले परिवारों को पहले ही प्राथमिक विद्यालय में शिफ्ट करा चुका है.
दरअसल, रविवार को सिंहधार निवासी दिनेश लाल का आवासीय मकान टूट गया है. मकान की छत भरभराकर ढह गई. उन्होंने बीते तीन जनवरी को ही अपना ये मकान छोड़ दिया था, लेकिन जिस मकान में शरण ली हुई है वहां भी दरारें आई हुई हैं. यहां शिवलाल व अन्य लोगों के आवासीय मकान भी दरारों से बुरी तह से नष्ट हो गए हैं.
प्रभावितों ने सुनाई आप-बीती
प्रशासन इस इलाके के लोगों को पहले ही प्राथमिक विद्यालय सिंहधार, मिलन केंद्र व अन्य स्थानों पर शिफ्ट कर चुका है. जिनके मकान की छत टूटी है उन्होंने (शिवलाल) बताया कि इस पूरे क्षेत्र में दरारें तेजी से बढ़ रही हैं. दरारों से नष्ट हो चुके मकानों के नीचे और दाईं तरफ के खेतों में भी दो से ढाई फीट तक गहरी दरारें पड़ चुकी हैं. और ज़मीन धंस रही है. वहीं एक और प्रभावित मुकेश कुमार ने भी बताया कि उनके घर का एक हिस्सा भी दरारों से बुरी तरह प्रभावित हो गया है. उन्होंने अपना मकान खाली कर सामान किसी मित्र के घर पर रखा हुआ है.
सिंहधार निवासी प्रभावित विश्वेश्वरी देवी ने बताया कि उनका मकान दरारें पड़ने से टूट चुका है. प्रशासन ने उन्हें शिविर में ठहराया हुआ है लेकिन उनके पशुओं का कोई इंतजाम नहीं किया गया है. उनकी गोशाला भी भूधंसाव की चपेट में आ गई है. विश्वेश्वरी देवी का कहना है कि दिन में तो जैसे-तैसे पशुओं की देखरेख हो पा रही है लेकिन रात को अगर कुछ हो गया तो, बेजुबान पशुओं को कौन बचाएगा. प्रभावित की दो दुधारू गाय और दो बछिया हैं