मंगलवार का दिन बिहार के लिए राजनीतिक उठा पटक का दिन रहा. पटना से हर पल एक नई ख़बर आ रही थी. सोमवार रात गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी नेता धर्मेंद्र प्रधान और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई नेताओं ने नीतीश कुमार से बात की. बीजेपी की कोशिश बिहार में सरकार के साथ-साथ गठबंधन बचाने की भी थी. लेकिन शायद बीजेपी ने देर कर दी थी. मंगलवार दोपहर नीतीश कुमार ने जेडीयू विधायक दल की बैठक की और बाहर निकल साफ कर दिया की वो राजभवन इस्तीफा देने जा रहे हैं. नीतीश कुमार ने जेडीयू के विधायकों की बैठक में कहा कि बीजेपी ने पार्टी को कमज़ोर करने की कोशिश की और हमेशा उसका अपमान किया है. बताया गया कि बैठक में वो टेप भी सुनाएं गए जिसमें जेडीयू विधायकों को बीजेपी की ओर से करोड़ों रुपये और पद का लालच दिया गया है.
इधर नीतीश अपने विधायकों से बात कर रहे थे उधर आरजेडी के दफ्तर में कांग्रेस, सीपीआई माले और हम पार्टी की बैठक चल रही है. बैठक में चर्चा इस बात पर थी की नई महागठबंधन सरकार में जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस, माले और हम पार्टी की भागेदारी क्या और कैसे होगी. सूत्र बता रहे थे कि इस बात पर सहमती है कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री होंगे और तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री. लेकिन कांग्रेस को लेकर दावा हो रहा था कि वो विधानसभा स्पीकर के पद के साथ साथ अपना उप मुख्यमंत्री चाहती है. साथ ही ये भी चर्चा थी की तेजस्वी गृह मंत्रालय मांग रहे है. इसके अलावा नीतीश के इस्तीफे के बाद महागठबंधन दलों के राजभवन से नीतीश कुमार के घर तक मार्च करने की चर्चा थी.
इस बीच दो ऐसी बाते भी हुई जिससे साफ हो गया कि आज के घटनाक्रम की स्क्रिप्ट पहले से तैयार थी. एक तो नीतीश कुमार के आवास के बाहर नया बैनर लगाया गया जिसमें सिर्फ नीतीश कुमार की तस्वीर थी और लिखा था “नीतीश सबके हैं”
इसके साथ ही दोपहर 12 बजकर 36 मिनट पर सत्ता वापसी को लेकर लालू की बेटी का ट्वीट सामने आया. सिंगापुर में रहने वाली लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने जोश जोश में एक ट्वीट कर लिख दिया “राजतिलक की करो तैयारी, आ रहे हैं लालटेन धारी…” यानी साफ था कि आरजेडी और जेडीयू की सरकार बनाने को लेकर बात हो चुकी थी.
शाम चार बजे से थोड़ा पहले नीतीश राजभवन पहुंचे और अपने इस्तीफे के साथ साथ 164 सांसदों के समर्थन से नई सरकार बनाने की बात भी कर ली. राजभवन से निकल नीतीश ने एनडीए की टूट का एलान किया और कहा कि सभी की राय थी कि अब एनडीए छोड़ देना चाहिए. राजभवन से नीतीश कुमार आरजेडी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रबड़ी देवी के आवास गए. वहां 6 पार्टियों के नेता पहले से मौजूद थे. थोड़ी देर की मीटिंग के बाद नीतीश तेजस्वी यादव के साथ मुसकुराते हुए बाहर आए. और शाम एक बार और राजभवन जाने की बात कही.
नीतीश के इस्तीफे के बाद बीजेपी भी अपना पक्ष रखने सामने आई बीजेपी नेता संजय जयसवाल ने जेडीयू पर धोखा देने का आरोप लगाया और कहा कि नीतीश ने जनादेश का अपमान किया है जो 2020 में बीजेपी और जेडीयू गठबंधन को मिला था. उन्हें ये भी याद दिलाया की गठबंधन में ज्यादा विधायक होने के बावजूद बीजेपी ने नीतीश को मुख्यमंत्री बनाने के अपने वादे को निभाया था.
उधर एलजेपी नेता चिराग पासवान ने भी नीतीश की आलोचना कि और नए गठबंधन को जनादेश का उल्लंघन बताया।
शाम करीब 6 बजे नीतीश कुमार के नेतृत्व में आरजेडी कांग्रेस समेत 7 पार्टियों के नेता जिसमें तेजस्वी यादव के साथ साथ ललन सिंह,अजीत सिंह,जीतन राम मांझी,विजय चौधरी और श्रवण कुमार शामिल थे राज्यपाल से मिले और 164 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंपा. पत्र में जेडीयू के 45, आरजेडी के 79, लेफ्ट के 16, कांग्रेस के 19, निर्दलीय एक और हम के चार विधायकों के नाम शामिल थे.
राजभवन से निकल नीतीश ने कहा कि अब 7 पार्टियां एक साथ काम करेंगी. इस मौके पर तेजस्वी यादव ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा कि बिहार की जनता विक्लप चाहती थी. देश में अराजकता का माहौल है आरजेडी ने देश में लोकतंत्र, संविधान, गंगा-जमुनी तहज़ीब की रक्षा के लिए ये कदम उठाया है. तेजस्वी यादव ने कहा कि बीजेपी का साथ छोड़ नीतीश कुमार ने एक निडर कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि वो नीतीश कुमार को अपना नेता मानते है. इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने समाजवाद उन्हें विरासत में मिलने का भी ज़िक्र किया.
तेजी से घटे घटनाक्रम के बाद नीतीश के सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने उनसे फोन पर बात की.
वहीं पटना बिहार बीजेपी कार्यलय में भी पार्टी के अगले कदम को लेकर कोर ग्रुप की बैठक हो रही है. जिसमें रविशंकर प्रसाद, नित्यानंद राय, अश्विनी चौबे और संजय जायसवाल समेत कई अन्य नेता मौजूद हैं.