Delhi chokes: मंगलवार को दीवाला की अगली सुबह, दिल्ली में धुंध की घनी चादर, विजिबिलिटी में कमी और खतरनाक जहरीली हवा छाई रही. शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुँच गया और सांस की बीमारियों से जूझ रहे लोगों की तकलीफ बढ़ गई. इस बीच हवा की गुणवत्ता को लेकर हर बार की तरह इस बार भी राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया. फर्क सिर्फ इतना था कि इस बार आरोप आप लगा रही थी और बीजेपी जवाब में अपनी नाकामी की ठीकरा पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार पर फोड़ रही है.
बीजेपी ने पराली जलाने के लिए आप को ज़िम्मेदार ठहराया
बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने पंजाब में पराली जलाने पर रोक लगाने में विफल रहने के लिए आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल को पर निशाना साधा और आप की पंजाब सरकार को दिल्ली की जहरीली हुई हवा के लिए ज़िम्मेदार ठहराया.
अमित मालवीय ने X पर पोस्ट किया, “जब तक अरविंद केजरीवाल शासित पंजाब पराली जलाना बंद नहीं करता, दिल्ली और एनसीआर का दम घुटता रहेगा. आम आदमी पार्टी के पापों के लिए दीपावली को दोष देना बंद करें – यह उनका धुआँ है, न कि त्योहार के दीये या पटाखे, जो दिल्ली के आसमान को काला कर रहे हैं.”
मालवीय की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब सोमवार रात के त्योहारों के बाद राजधानी में वायु गुणवत्ता में भारी गिरावट आई है, और आतिशबाजी सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित दो घंटे की अवधि के बाद भी जारी रही.
आप ने की दिल्ली सरकार की आलोचना
वहीं, दिल्ली आप अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को सरकार पर तीखा हमला करते हुए उस पर दिवाली समारोह के बाद प्रदूषण को नियंत्रित करने में विफल रहने का आरोप लगाया और सवाल किया कि “वादा किया गया कृत्रिम बारिश” क्यों नहीं कराई गई.
एएनआई से बात करते हुए, भारद्वाज ने कहा कि सरकार की निजी अस्पतालों के साथ मिलीभगत है. उन्होंने कहा, “सरकार झूठ बोल रही है. सरकार ने कहा था कि दिवाली के बाद, हम कृत्रिम बारिश कराकर सारा प्रदूषण ठीक कर देंगे. क्या कृत्रिम बारिश हुई? नहीं, मेरा सवाल यह है कि अगर आप कृत्रिम बारिश करा सकते थे, तो आपने ऐसा क्यों नहीं किया? क्या आप (सरकार) चाहते हैं कि लोग बीमार पड़ें? सरकार की निजी अस्पतालों के साथ मिलीभगत है.”
टीएमसी सांसद ने कही आम लोगों से आत्मचिंतन करने की बात
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार और तृणमूल कांग्रेस सांसद सागरिका घोष ने एक अलग सुर में बात करते हुए नागरिकों से अपने भीतर झाँकने और शहर के प्रदूषण को बढ़ाने में अपनी भूमिका को स्वीकार करने का आग्रह किया.
उन्होंने लिखा, “आज सुबह पूरी दिल्ली में ज़हरीला धुआँ छाया रहा. पिछले साल दिल्ली में 2,00,000 से ज़्यादा लोगों को आपातकालीन एआरआई (तीव्र श्वसन रोग) के कारण अस्पताल ले जाया गया. हमें सामूहिक रूप से खुद से पूछना चाहिए और आत्मचिंतन करना चाहिए कि हम स्वेच्छा से अपने स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाने का विकल्प क्यों चुनते हैं.”
Delhi chokes: 400 के करीब पहुंचा दिल्ली-एनसीआर का एक्यूआई
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, सुबह 8 बजे दिल्ली का एक्यूआई 352 रहा, जबकि सुबह 5 बजे यह 346 और 7 बजे 351 था. 301 से 400 के बीच के एक्यूआई को ‘बेहद खराब’ श्रेणी में रखा जाता है, जबकि 400 से ऊपर के एक्यूआई को ‘गंभीर’ माना जाता है.
सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली भर के 38 निगरानी केंद्रों में से 36 ने प्रदूषण का स्तर ‘रेड ज़ोन’ में दर्ज किया. सोमवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 345 रहा, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में है.
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