बक्सर : बिहार की राजनीति में बक्सर पुलिस उत्पीड़न का मामला (Buxar police atrocity) तूल पकड़ने लगा है. विपक्षी दल भी इस मुद्दे की गंभीरता को समझने लगे हैं.
ताज़ा जानकारी के मुताबिक बिहार के बक्सर में किसानों के द्वारा पावर प्लांट में तोड़फोड़ और आगजनी के मामले में 24 किसानों के खिलाफ नामजद और 250 से 300 किसानों पर अज्ञात एफआईआर दर्ज की गई है.
इस बीच शुक्रवार को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान बक्सर के बनारपुर गांव पहुंचे. वह यहां मंगलवार रात (10 जनवरी) को यहां पुलिस के द्वारा किए गए जुल्म से पीड़ित किसान परिवार से मिले और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया. उन्होंने कहा कि किसानों के घर में घुस कर इस प्रकार लाठीचार्ज (Buxar police atrocity) करना निंदनीय है.
नीतीश कुमार पर बरसे चिराग पासवान
चिराग पासवान ने पीडितों से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा. चिराग पासवान ने कहा “नीतीश कुमार जी के शासन में सिर्फ एक समाधान है वो है लाठी. कभी शिक्षकों पर तो कभी अन्नदाताओं पर. मुख्यमंत्री जी लाठियों से बिहार का समाधान नहीं होगा, बिहारियों का समाधान तब होगा जब आप उनकी समस्याओं को सुन कर हल निकालेंगे.”
चिराग पासवान ने कहा कि “आखिर क्या वजह है कि बिहार सरकार सर्किल रेट में वृद्धि को संशोधित नहीं कर रही है. किसान जिसके हकदार हैं, वो उन्हें मिल कर रहेगा.”
गुरुवार को केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे का हुआ था विरोध
गुरुवार को केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे भी पुलिस उत्पीड़न (Buxar police atrocity)का शिकार पीड़ित किसानों से मिलने बक्सर के बनारपुर गांव पहुंचे थे लेकिन यहां उन्हें ग्रामीणों के जबरदस्त आक्रोश का सामना करना पड़ा था. नाराज़ किसानों ने मंत्री के काफिले पर हमला किया और मुर्दाबाद के नारे भी लगाए.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे पर बक्सर में आक्रोशित किसानों ने किया हमला,लगाए मुर्दाबाद के नारे pic.twitter.com/3RahvhAekG
— THEBHARATNOW (@thebharatnow) January 12, 2023
कांग्रेस ने बनाई है बक्सर उत्पीड़न की जांच के लिए 3 सदस्यीय जांच समिति
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह ने गुरुवार को बक्सर पुलिस उत्पीड़न मामाले (Buxar police atrocity) को गम्भीर से संज्ञान लेते हुए तीन विधायकों की जांच समिति का गठन किया है. इस जांच समिति में बक्सर सदर से कांग्रेस विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी, राजपुर विधायक विश्वनाथ राम और औरंगाबाद विधायक आनन्द शंकर सिंह को शामिल किया गया है. जांच समिति को इस मामले की जांच करके अविलंब रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह को सौंपने को निर्देशित किया गया है।