अफगानिस्तान के कार्यवाहक तालिबान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की शुक्रवार को दिल्ली में अफ़ग़ानिस्तान दूतावास में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस Taliban Press Conference में महिला पत्रकारों को कथित तौर पर भाग लेने से रोकने के मामले में सरकार को विपक्ष के निशाने पर ला दिया है. लैंगिक अधिकार का मुद्दा उठा राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी से स्थिति स्पष्ट करने को कहा है तो वहीं विदेश मंत्रालय ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में इस मामले से अपना कुछ लेना देना नहीं होने की बात कह अपना पल्ला झाड़ लिया है.
राहुल और प्रियंका गांधी ने साधा पीएम मोदी पर निशाना
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी तालिबान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर प्रतिक्रिया दी है. राहुल ने प्रधानमंत्री को संबोधित ट्विट में पूछा, “श्रीमान मोदी, जब आप महिला पत्रकारों को सार्वजनिक मंचों से बाहर रखने की अनुमति देते हैं, तो आप भारत की हर महिला को यह बता रहे होते हैं कि आप उनके लिए खड़े होने के लिए बहुत कमज़ोर हैं.
हमारे देश में महिलाओं को हर क्षेत्र में समान भागीदारी का अधिकार है. इस तरह के भेदभाव के सामने आपकी चुप्पी नारी शक्ति पर आपके नारों की खोखलीपन को उजागर करती है.”
राहुल गांधी ने ये पोस्ट अपनी बहन प्रियंका गांधी के उस पोस्ट को टेग कर के लिखा था जिसमें प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री पर अफ़ग़ानिस्तान दूतावास में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस को ले स्थिति स्पष्ट करने की मांग की थी. प्रियंका ने लिखा, “”प्रधानमंत्री @narendramodi
जी, कृपया तालिबान के प्रतिनिधि के भारत दौरे पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को हटाए जाने पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें.
यदि महिलाओं के अधिकारों के प्रति आपकी मान्यता एक चुनाव से दूसरे चुनाव तक अपनी सुविधानुसार दिखावा मात्र नहीं है, तो फिर भारत की कुछ सबसे सक्षम महिलाओं का अपमान हमारे देश में कैसे होने दिया गया, जबकि महिलाएं ही इसकी रीढ़ और गौरव हैं. ”
Taliban Press Conference:विपक्ष के कई नेताओं ने जताई आपत्ति
पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए महिला मीडिया कर्मियों को बाहर रखे जाने को “चौंकाने वाला” बताया और सुझाव दिया कि पुरुष पत्रकारों को एकजुटता दिखाते हुए बाहर चले जाना चाहिए.
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “मैं इस बात से स्तब्ध हूँ कि अफ़ग़ानिस्तान के आमिर ख़ान मुत्तक़ी द्वारा संबोधित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल नहीं किया गया. मेरे निजी विचार से, जब पुरुष पत्रकारों को पता चला कि उनकी महिला सहकर्मियों को शामिल नहीं किया गया (या आमंत्रित नहीं किया गया) तो उन्हें बाहर चले जाना चाहिए था.”
वहीं, टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा ने भी एक्स पर अपनी हैरानी व्यक्त की और सवाल किया कि विदेश मंत्री जयशंकर ने भारतीय धरती पर इस तरह के भेदभाव को कैसे पनपने दिया.
उन्होंने X पर लिखा, “हमारी सरकार ने तालिबान के विदेश मंत्री आमिर मुत्ताकी को महिला पत्रकारों को बाहर रखने और पूरे प्रोटोकॉल के साथ भारतीय धरती पर ‘केवल पुरुषों’ के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने की अनुमति कैसे दी? विदेश मंत्री जयशंकर ने इस पर सहमति जताने की हिम्मत कैसे की? और हमारे कमज़ोर, रीढ़विहीन पुरुष पत्रकार कमरे में क्यों रहे?”
Taliban Press Conference: भारत सरकार की ओर से आया जवाब
विपक्ष के हमलों के बीच, विदेश मंत्रालय ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर ख़ान मुत्ताक़ी द्वारा शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित प्रेस वार्ता में सरकार की कोई भूमिका नहीं थी.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी द्वारा कल दिल्ली में आयोजित प्रेस वार्ता में विदेश मंत्रालय की कोई भागीदारी नहीं थी.”
2021 में अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान का पहला भारत दौरा
तालिबान के विदेश मंत्री, आमिर खान मुत्ताकी, 9 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक भारत की एक सप्ताह की यात्रा पर हैं. अगस्त 2021 में तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर नियंत्रण करने के बाद से यह काबुल से भारत आने वाला पहला उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल है.
अपनी यात्रा के पहले दिन, मुत्ताकी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय बैठक की और दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों पर चर्चा की.
भारत ने अपने चल रहे स्वास्थ्य सेवा सहयोग के तहत अफगानिस्तान के लिए कई नई परियोजनाओं की भी घोषणा की.

