Tuesday, October 7, 2025

बिहार SIR में मिले कितने घुसपैठिये, मुख्य चुनाव आयुक्त ने ऐसे दिया जवाब

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Bihar Intruders :  बिहार विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हो गया है. 6 और 11 नवंबर को मतदान होंगे और 14 नवंबर को मतगणना की जायेगी. 16 नवंबर तक चुनाव  की पूरी प्रक्रिया समाप्त कर ली जायेगी. बिहार के दौ दिन के दौरा के बाद वापस लौटी केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम ने सोमवार को  दिल्ली में इसके बारे में जानकारी देने के लिए एक प्रेस काँफ्रेंस किया. इस प्रेस काफ्रेंस के दौरान केंद्रीय चुनाव आयुक्त ने संवाददाताओं के कई सवालों के जवाब दिये लेकिन ऐसे कुछ सवालों को जवाब नहीं मिले, जिसकी उम्मीद थी.

Bihar Intruders:वोटर लिस्ट शुद्धिकरण के दौरान मिले कितने घुसपैठिये ?

एक संवाददाता ने सवाल किया कि चुनाव आयोग की गहण मतगणना यानी मतदाता लिस्ट के शुद्धिकरण के दौरान आयोग को कितने घुसपैठिये मिले.दरअसल बिहार में वोटर लिस्ट शुद्धिकरण के दौरान सत्ता पक्ष लगातार ये दावे करता रहा कि बिहार में बड़ी संख्या में घुसपैठिये आ गये हैं. केंद्र की मोदी सरकार  रहा  इस सवाल के जवाब में चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कोई साफ जवाब नहीं दिया.ज्ञानेश कुमार ने कहा कि लिस्ट के बारे में पूरी जानकारी बीएलओ और जमीन स्तर के अधिकारियों के पास उपलब्ध होंगे. केंद्रीय चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने  कहा कि SIR के फाइनल लिस्ट में 69 लाख नाम काटे गये हैं, ये वो लोग हैं, जो अयोग्य होने के कारण वोटर लिस्ट से हटाये गये. ये ऐसे लोग हैं जो मृत पाये गये या डुप्लीकेट नाम थे या भारत के नागरिक नहीं थे या फिर स्थायी रुप से बाहर चले गये हैं.

 पोलिंग बूथों की सीसीटीवी साझा की जायेगी ?

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान केंद्रीय चुनाव आयोग से ये भी सवाल पूछा गया कि अगर जरुरत पड़ी तो क्या चुनाव आयोग सीसीटीवी फुटेज जारी करेगा.इस सवाल के जवाब में सीईसी ज्ञानेश कुमार ने  कहा कि इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी गई और सुप्रीम कोर्ट में ये तय हो गया कि सीसीटीवी फुटेज केवल हाईकोर्ट में दी जा सकती है.

आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण पत्र नहीं… 

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि  “सर (बिहार में) पारदर्शी तरीके से किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने पहचान के प्रमाण के रूप में आधार कार्ड को 12वें दस्तावेज के रूप में शामिल करने का निर्देश दिया था, लेकिन यह नागरिकता के प्रमाण पत्र नहीं है.

आधार अधिनियम की धारा 9 में कहा गया है कि आधार कार्ड न तो नागरिकता का प्रमाण है और न ही निवास का. 2023 से पहले, सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों में कहा गया था कि आधार जन्मतिथि का प्रमाण नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के फैसलों और आधार अधिनियम के अनुसार, आधार कार्ड पहचान का एकमात्र प्रमाण है. संविधान के अनुच्छेद 326 में कहा गया है कि मतदाता की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए, वह देश का नागरिक होना चाहिए और संबंधित मतदान केंद्र के पास रहना चाहिए. ईसीआई ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन किया है.”

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