Tuesday, October 7, 2025

Delhi और Mumbai में ओजोन लेवल बढ़ा, NGT ने जताई चिंता, तुरंत कदम उठाने की मांग

- Advertisement -

दिल्ली: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ताजा रिपोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में ग्राउंड-लेवल ओजोन प्रदूषण के खतरनाक स्तर को उजागर किया है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने इस पर गहरी चिंता जताते हुए त्वरित कार्रवाई की मांग की है।

सीपीसीबी की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर के 57 में से 25 निगरानी स्टेशनों पर आठ घंटे की सीमा से अधिक समय तक ओजोन प्रदूषण रहा, जबकि मुंबई के 45 में से 22 स्टेशनों पर भी यही स्थिति देखी गई। रिपोर्ट में बताया गया कि वाहनों, बिजलीघरों और औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले नाइट्रोजन ऑक्साइड (एनओएक्स), वाष्पशील कार्बनिक यौगिक (वीओसी) और कार्बन मोनोऑक्साइड (सीओ) सूरज की रोशनी में रासायनिक प्रतिक्रिया से ओजोन बनाते हैं। यह गैस सांस की बीमारियों, विशेष रूप से अस्थमा और दमा को बढ़ावा देती है, साथ ही फसलों को नुकसान पहुंचाकर खाद्य सुरक्षा को खतरे में डालती है।

यह रिपोर्ट, सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) की एक अध्ययन पर आधारित मीडिया रिपोर्ट से जुड़ी है। रिपोर्ट में ग्राउंड-लेवल ओजोन में खतरनाक वृद्धि बताया गया है। यह श्वसन संबंधी समस्याओं और पर्यावरणीय क्षति से जुड़ा एक शक्तिशाली प्रदूषक है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि गर्मी और सूरज की रोशनी ओजोन निर्माण को तेज करती है, जिससे शहरी क्षेत्रों में हॉटस्पॉट बन रहे हैं। एनजीटी ने इस मुद्दे पर गंभीरता दिखाते हुए पर्यावरण मंत्रालय और सीपीसीबी से ओजोन नियंत्रण के लिए विशेषज्ञ समिति गठन का प्रस्ताव स्वीकार किया है। मामले की अगली सुनवाई 12 नवंबर को होगी।

विशेषज्ञ समिति का गठन प्रस्तावित
रिपोर्ट में कहा गया कि पर्यावरण, वन और जलवायु मंत्रालय व सीपीसीबी ने ओजोन और उसके कारकों को नियंत्रित करने के उपायों पर सिफारिश करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन का प्रस्ताव दिया था। एक अन्य मामले में दायर रिपोर्ट में ओजोन और इसके कारणों को नियंत्रित करने के लिए एक अध्ययन करने का सुझाव दिया गया है। सुनवाई के दौरान सीपीसीबी ने इस प्रकरण से जुड़े दो आवेदनों पर एक साथ सुनवाई करने का अनुरोध किया।

क्या है ओजोन प्रदूषण?
ओजोन एक गैस है जो तीन ऑक्सीजन अणुओं से बनती है। ऊंचे आसमान में यह हमें सूरज की हानिकारक किरणों से बचाती है, लेकिन जमीन के पास यह प्रदूषण बन जाता है। यह सीधे किसी स्रोत से नहीं निकलता, बल्कि वाहनों, उद्योगों और बिजलीघरों से निकलने वाली नाइट्रोजन ऑक्साइड (एनओएक्स), वाष्पशील कार्बनिक यौगिक (वीओसी) और कार्बन मोनोआक्साइड (सीओ) के सूरज की रोशनी में रासायनिक प्रतिक्रिया से बनता है। यह गैस बहुत प्रतिक्रियाशील होती है और हवा में लंबी दूरी तक फैल सकती है।

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news