बिहार में शराबबंदी कानून (Prohibition law) को लागू हुए 6 वर्ष से अधिक बीत चुके हैं. बावजूद सूबे में शराबबंदी (Prohibition law) पूरी तरह से सफल नहीं हो सका है. आए दिन अलग-अलग इलाकों से देसी और विदेशी शराब की बरामदगी हो रही है. सरकार और प्रशासन के द्वारा लगातार शराबबंदी को सख्ती से लागू करने के दावे भी किए जा रहे हैं. शराबबंदी (Prohibition law)को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सभी सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को शराब न पीने की शपथ भी दिलाई गई थी.
समाहरणालय परिसर में फेंकी शराब की खाली बोतल
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लेकिन समाहरणालय परिसर में फेंकी शराब की खाली बोतल शराबबंदी कानून की पोल खोलने के लिए काफी है. सबसे हैरान करने वाली बात तो यह है कि जिस परिसर में जिले के तमाम वरीय पदाधिकारी सरकारी योजनाओं और कानून को एग्जीक्यूट करने के लिए बैठते हो, उसी परिसर से शराब की बोतल मिलना शराबबंदी कानून (Prohibition law) पर सवाल खड़े करने के लिए काफी है. बड़ा सवाल है कि आखिर इतनी संख्या में ब्रांडेड अंग्रेजी शराब की बोतल आखिर इस परिसर में कैसे आ गई? जहां दिन भर अधिकारियों और कर्मचारियों की चहल-पहल होती है तो वहीं सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम होते हैं. ऐसे में अब देखना है इस मामले पर जिला प्रशासन क्या कुछ कार्रवाई करता है.