Tuesday, October 7, 2025

छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड का दोषी कौन? एक और बच्चे की हुई मौत, अब तक 11 बच्चों ने तोडा दम

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छिंदवाड़ा: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छिंदवाड़ा (Chhindwara) में कफ सिरप (Cough syrup) कांड का मामला गर्माया हुआ है. शनिवार को एक और बच्चे की मौत होने से आंकड़ा बढ़कर 11 हो गया है. इस पूरी घटना को लेकर मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार भी सवालों के घेरे में है. विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी इस मामले को लेकर सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि क्या सरकार अब भी और बच्चों के मरने का अंतजार कर रही है? आखिर Nextro DS सिरप पर बैन क्यों नहीं लगाया जा रहा है? क्या अभी भी रिपोर्ट का इंतजार किया जाएगा?

छिंदवाड़ा मामले को लेकर वैसे तो भाजपा सरकार कार्रवाई की बात कह रही है, लेकिन शनिवार को एक और बच्चे की मौत ने उन पर सवाल खड़े कर दिए हैं. वहीं इतने बड़े मामले के बाद अभी तक मुख्यमंत्री या कोई अन्य मंत्री छिंदवाड़ा नहीं पहुंचा है. स्थानीय लोगों में सरकार के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, सरकार पहले इस मामले को ठंडा करने की कोशिश कर रही है, जिससे की जब मौके पर जाया जाए तो उन्हें विरोध का सामना नहीं करना पड़े. इसके अलावा यहां तक कि कमलनाथ और नकुलनाथ जैसे स्थानीय नेताओं ने भी सिर्फ सोशल मीडिया पोस्ट कर सरकार से सवाल किए, लेकिन कोई पीड़ित परिवार से मिलने नहीं गया.

छिंदवाड़ा कफ सिरप मामले में अब तक 11 बच्चों की मौत हो चुकी हैं. अभी भी 12 बच्चों की हालत चिंताजनक बनी हुई है. बच्चों की मौत के बाद और विपक्ष के हंगामे के बाद राज्य की भाजपा सरकार ने Coldrif कफ सिरप को प्रदेशभर में बैन कर दिया है. एक महीने तक इसे रहस्यमयी बीमारी बताया जाता रहा, लेकिन जांच में सामने आया कि बच्चों की मौत का कारण जहरीला सिरप ही था.

Coldrif सिरप की लैब रिपोर्ट में सामने आया है कि इसमें मौजूद डायएथिलीन ग्लाइकोल की मात्रा मानक से 480 गुना ज्यादा थी जहां यह मात्रा अधिकतम 0.10% होनी चाहिए, वहीं सिरप में 48% पाई गई. इसी वजह से बच्चों की किडनी फेल हुई और जान चली गई. स्थानीय डॉक्टरों का कहना है कि इन दवाओं को कैसे बच्चों के लिए पास किया गया है यह सोचने का विषय है.

इस पूरे मामले में जहां Coldrif सिरप पर बैन लग गया है, वहीं Nestra DS सिरप पर अब तक कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. स्टेट फूड एंड ड्रग कंट्रोलर ने बताया कि सिरप की जांच जारी है और रिपोर्ट का इंतजार है. रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. सवाल उठ रहे हैं कि संदेह होने के बावजूद सिरप को पहले ही बैन क्यों नहीं किया गया?

परासिया SDM शुभम यादव ने बताया कि अब तक 5 साल से कम उम्र के 4600 बच्चों की जांच की गई, जिनमें से 4411 की रिपोर्ट सामान्य है। बाकी रिपोर्ट जल्द आने की उम्मीद है. 12 बच्चों का इलाज चल रहा है, जिनमें 4 जिला अस्पताल में और 8 नागपुर में भर्ती हैं. अब तक 11 बच्चों की मौत हो चुकी है, लेकिन किसी का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया, क्योंकि परिजन तैयार नहीं हुए.

छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड की शुरुआत में डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कफ सिरप कंपनी को क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन रिपोर्ट आने के बाद मुख्यमंत्री ने Coldrif पर बैन लगा दिया. अब राज्य स्तर पर जांच कमेटी गठित कर दी गई है और तमिलनाडु में स्थित सिरप बनाने वाली फैक्ट्री की भी जांच हो रही है. माना जा रहा है कि इस कंपनी पर बड़ा एक्शन हो सकता है.

कांग्रेस ने इस मामले में प्रदेश के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल से इस्तीफे की मांग की है. कांग्रेस नेता मुकेश नायक ने कहा कि यह हत्या का मामला है और ड्रग कंट्रोलर की लापरवाही सामने आई है, जिस पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए. सरकार को स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा ले लेना चाहिए. कांग्रेस ने प्रदेश सरकार से पूछा है कि आखिर इस पूरे मामले का दोषी कौन है?

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