जन सुराज पदयात्रा के मोतिहारी अधिवेशन में जनता के समाने प्रशांत किशोर (Prashant Kishor ) ने कहा कि अगर मुझे सरकार में शामिल होना होता तो आज फ़ोन करते और कल शपथ ले लिए होते. मुझे सरकार में नहीं जाना है मुझे ऐसी व्यवस्था बनानी है जिसे बिहार के सही लोग मिलकर बनाएं और आगे सभी लोग मिलकर चलाएं
जन सुराज पदयात्रा के मोतिहारी अधिवेशन में जनता के समाने प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर मुझे सरकार में शामिल होना होता तो आज फ़ोन करते और कल शपथ ले लिए होते. मुझे सरकार में नहीं जाना है मुझे ऐसी व्यवस्था बनानी है. #prashantkishor #jansurajyatra #Bihar pic.twitter.com/ApHMZORbD8
— THEBHARATNOW (@thebharatnow) January 10, 2023
जन सुराज का नेता बिहार का सबसे काबिल आदमी होगा-किशोर
उन्होंने कहा जन सुराज का नेता वो बनेगा जो बिहार में सबसे काबिल होगा. ऐसा नहीं है कि मैं इस अभियान को सूत्रधार कर रहा हूं तो मैं इसका नेता बन जाऊंगा. बिहार में जो सबसे अच्छा आदमी होगा वही इसका नेता बनेगा. प्रशांत किशोर (Prashant Kishor ) ने महात्मा गांधी का उदायरण देते हुए कहा कि, जैसे महात्मा गांधी कहां एक बार से ज्यादा कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष बने. तो कांग्रेस आगे देश चली न? ठीक उसी प्रकार जन सुराज भी आप सभी लोगों का दल होगा.
मीडिया से बोले किशोर बिहार में जात की राजनीति भी नहीं हो रही है
दो दिन पहले प्रशांत किशोर (Prashant Kishor ) ने मोतिहारी में मीडिया से बातचीत के दौरान जातीय राजनीति के सवाल पर कहा कि बिहार में समाजवाद के नाम पर गरीबी का बंटवारा हुआ है. आज बिहार में नेता जाति की भी राजनीति नहीं कर रहे हैं. वो सिर्फ अपना फायदा देख रहे हैं. प्रशांत किशोर (Prashant Kishor ) ने कहा, बिहार के लोगों को जाति-समूहों में बांटकर राजनेताओं ने अपनी रोटी सेंकने का काम किया है. जात की राजनीति आप तब कहेंगे न जब लालू अपने जात से किसी यादव लड़के को आगे बढ़ने-बढ़ाने की बात करते नजर आएं. मांझी जी, कहां कहते हैं कि मुसहर समाज के लड़के को आगे बढ़ाना है? ये तो अपने और अपने परिवार के लोगों और घर के लड़कों को आगे बढ़ाने की बात करते हैं. अगर जातियों की भी राजनीति हुई होती तो आज यादव समाज के लोग धनी हो गए होते. कम से कम 13 प्रतिशत बिहार के लोग अच्छे हो गए होते. बिहार के नेता जाती का इस्तेमाल कर रहे हैं, अपने परिवार और स्वार्थ की राजनीति को मजबूत करने के लिए.