रायपुर : ऊर्जा संकट और महंगे बिजली बिल से निजात पाने का रास्ता अब सौर ऊर्जा से होकर गुजर रहा है। सरगुजा जिले के लखनपुर नगर पंचायत निवासी सदानंद गुप्ता ने अपने घर की छत पर 3 किलोवाट क्षमता का सोलर प्लांट लगाकर यह साबित किया है कि शासन की योजना आम लोगों के जीवन को बदल रही है। इस प्लांट से रोजाना 10 से 15 यूनिट तक बिजली उत्पादन हो रहा है, जिससे घर की पूरी खपत आसानी से पूरी हो जाती है। गुप्ता ने बताया कि योजना अंतर्गत उन्हें केंद्र सरकार से 78 हजार रुपये और राज्य सरकार से 30 हजार रुपये, कुल 1 लाख 8 हजार रुपये की सब्सिडी का लाभ मिलेगा।
बिजली उपभोक्ता से ऊर्जा दाता बने सदानंद
गुप्ता ने बताया कि पीएम सूर्य घर-मुफ्त बिजली योजना के तहत विद्युत विभाग से अनुबंध हुआ है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि उपभोक्ता केवल बिजली खर्च करने वाले नहीं रह जाते, बल्कि अतिरिक्त बिजली उत्पादन कर ऊर्जादाता बन रहे हैं। अतिरिक्त बिजली ऑन ग्रिड के माध्यम से विद्युत विभाग को रिटर्न हो जा रही है, जिसका भुगतान विद्युत विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष के अंत में किया जाएगा।
मुफ्त बिजली की ओर बढ़ते कदम
इस योजना से आम नागरिकों को बिजली बिल की समस्या से निजात मिल रही हैं और भविष्य में मुफ्त बिजली का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह पहल उपभोक्ताओं को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर ले जा रही है।
शासन की डबल सब्सिडी बनी आकर्षण का केंद्र
गुप्ता ने कहा कि शासन की ओर से दी जा रही डबल सब्सिडी ने लोगों का विश्वास बढ़ाया है। पहले जहां सौर ऊर्जा को महंगा विकल्प माना जाता था, वहीं अब सब्सिडी की वजह से यह आम परिवारों की पहुंच में है। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का अनुदान
केन्द्र सरकार के द्वारा 1 किलोवाट प्रणाली के लिए 30 हजार रूपए और राज्य सरकार 15 हजार रूपए, 2 किलोवाट क्षमता वाले संयंत्र पर केंद्र सरकार 30 हजार और राज्य सरकार 30 हजार और 3 किलोवाट के लिए केंद्र सरकार 78 हजार रूपए और राज्य सरकार 30 हजार की सब्सिडी दी जाती है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि डबल सब्सिडी जैसी सुविधा से लोगों का उत्साह बढ़ा है और अब हर कोई पीएम सूर्य घर-मुफ्त बिजली योजना का लाभ लेकर बिजली उपभोक्ता से ऊर्जादाता बन सकता है।