नई दिल्ली: एशिया कप 2025 में बुधवार को बड़ा ड्रामा देखने को मिला। एक समय ऐसा लग रहा था कि पाकिस्तान टीम टूर्नामेंट से हट सकती है, क्योंकि उन्होंने यूएई के खिलाफ मैच के लिए तय समय पर होटल से निकलने से इनकार कर दिया था। हालांकि, बाद में पाकिस्तान की टीम स्टेडियम पहुंची भी और यूएई के खिलाफ मैच भी खेला। बता दें कि, विवाद की शुरुआत 14 सितंबर (रविवार) को भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबले से हुई। भारतीय खिलाड़ियों ने सूर्यकुमार यादव की अगुवाई में पाकिस्तान टीम से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया, यहां तक कि जब पाकिस्तानी खिलाड़ी उनके ड्रेसिंग रूम की तरफ बढ़े भारतीय खिलाड़ियों ने दरवाजा बंद कर लिया। इससे पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) बेहद नाराज हो गया और मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट पर पक्षपात का आरोप लगाया।
आईसीसी ने पीसीबी की शिकायत को बताया निराधार
पीसीबी ने आईसीसी से पायक्रॉफ्ट को हटाने की मांग की थी, लेकिन आईसीसी ने छह बिंदुओं पर जवाब देते हुए पीसीबी की शिकायत को निराधार करार दिया। इतना ही नहीं, पाकिस्तान बनाम यूएई मैच में भी रेफरी पायक्रॉफ्ट ही रहे। पीसीबी और एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के प्रमुख मोहसिन नकवी ने टीम के न हटने के फैसले की वजह बताते हुए कहा, '14 सितंबर से एक संकट जारी है। हमें मैच रेफरी की भूमिका पर आपत्ति थी। थोड़ी देर पहले ही रेफरी ने कोच, कप्तान और मैनेजर से बातचीत में माना कि ऐसा (हाथ न मिलाना) नहीं होना चाहिए था। हमने आईसीसी से इस पर जांच की भी मांग की थी। हम मानते हैं कि राजनीति और खेल को अलग रखना चाहिए। क्रिकेट को खेल ही रहने दें।'
रेफरी की कोई गलती नहीं
नकवी ने आगे कहा कि पाकिस्तान का बहिष्कार का फैसला बहुत बड़ा कदम होता, जिस पर प्रधानमंत्री, सरकारी अधिकारियों और तमाम जिम्मेदार लोगों से राय ली गई थी। आईसीसी ने अपने जवाब में कहा कि पीसीबी की शिकायत में कोई ठोस सबूत या खिलाड़ियों के बयान शामिल नहीं थे। रेफरी पर कोई आरोप साबित नहीं होता और उन्होंने केवल एसीसी वेन्यू मैनेजर के निर्देशों का पालन किया था। आईसीसी ने साफ किया कि हाथ मिलाने का मुद्दा रेफरी के दायरे में नहीं आता, बल्कि यह आयोजकों और टीम मैनेजमेंट का मामला है। खेल की वैश्विक संस्था ने आखिर में टिप्पणी की कि लगता है पीसीबी की असली शिकायत हाथ न मिलाने के फैसले से है, जिसे रेफरी से नहीं बल्कि आयोजकों से उठाना चाहिए।