गिरिडीह : झारखंड के गिरिडीह जिले में पारसनाथ की पहाड़ी पर स्थित सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के फैसले पर केंद्र सरकार ने तत्काल रोक लगा दी है. जैन समाज के लगातार प्रदर्शन और नाराजगी दिखाने के बाद ये फैसला लिया गया. फैसले की जानकारी केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने दी, उन्होंने कहा कि सम्मेद शिखरजी पर्वत क्षेत्र में पर्यटन, इको टूरिज्म गतिविधियों पर तत्काल रोक लगा दी गई है. इसके साथ ही पारसनाथ क्षेत्र में शराब, तेज आवाज में गाना बजाने और मांस की बिक्री पर भी पाबंदी लगाई जा रही है. इस फैसले से खुश जैन समाज ने अपना आंदोलन वापस लेने का एलान करते हुए सरकार का आभार जताया है.
ये भी पढ़ें- Haldwani: हल्द्वानी मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक,…
जैन समाज की केंद्रीय मंत्री के साथ बैठक के बाद लिया गया फैसला
गुरुवार को पर्यटन मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ जैन समाज के तमाम पदाधिकारियों से मुलाकात की. इस मुलाकात में जैन समाज ने इलाके में शराब और मांस की बिक्री समेत इसे पर्यटक स्थल बनाये जाने पर नाराज़गी जताई. जिसके बाद पर्यटन मंत्री ने जैन समाज को भरोसा दिलाया कि उनकी धार्मिक भावनाओं का खयाल रखा जाएगा.
Met Jain community members who have been urging to protect the sanctity of Sammed Shikhar.
Assured them that PM Shri @narendramodi ji’s government is committed to preserving and protecting the rights of Jain community over all their religious sites, including Sammed Shikhar. pic.twitter.com/MrxiB616PE
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) January 5, 2023
बुधवार को जैन समाज ने राहुल गांधी से मांगा था समर्थन
आपको बता दें बुधवार को जैन समाज का एक प्रतिनिधिमंडल पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा कर रहे राहुल गांधी से मिला था. प्रतिनिधिमंडल ने जैन धर्म के तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी के मसले पर उन्हें ज्ञापन सौंपा था. जैन धर्म के लोगों ने राहुल से अपील की कि, सर्व धर्म समभाव की लिए यात्रा निकाल रहे हैं, तो हमारे मसले पर भी साथ दें. राहुल ने इस बारे में कांग्रेस नेताओं से झारखंड सरकार का पक्ष जाना, जहां की सरकार कांग्रेस के समर्थन से चल रही है. राज्य सरकार से जानकारी मिली कि, ये मामला पूर्व की बीजेपी सरकार और केंद्र सरकार का है. उस वक्त बीजेपी के रघुबर दास सीएम थे. इसके बाद राहुल ने जैन समाज के डेलिगेशन की मांग का समर्थन किया और यूपीए सरकार में मंत्री रहे प्रदीप जैन आदित्य को इस मामले में आगे कार्रवाई की जिम्मेदारी दी थी.
क्या है पूरा मामला
दरअसल साल 2019 में केंद्र सरकार ने झारखंड के गिरिडीह जिले में पारसनाथ की पहाड़ी में स्थित सम्मेद शिखरजी को ईको पर्यटन स्थल घोषित करने का फैसला लिया था. सम्मेद शिखरजी को ईको पर्यटन स्थल बनाने की सिफारिश तब के बीजेपी सरकार के मुख्यमंत्री रघुबर दास की तरफ से की गई थी. जिसके बाद पिछले साल फरवरी 2022 में राज्य सरकार ने इस मामले को आगे बढ़ाते हुए सम्मेद शिखरजी को ईको पर्यटन स्थल बनाने को लेकर अधिसूचना जारी कर दी. जिसके बाद इस इलाके के आसपास शराब और मांस की दुकानें खोलने की भी इजाजत भी दे दी गई. यहां से पूरा विवाद शुरु हुआ. जैन समाज ने अपने पवित्र स्थल को पर्यटक स्थल बनाने का विरोध शुरु किया और एक पूरा आंदोलन खड़ा कर दिया.