बुधवार को राजधानी पटना में BSSC अभ्यार्थियों (BSSC lathicharge) पर हुए लाठीचार्ज की सीएम नीतीश कुमार को कोई ख़बर ही नहीं है. गुरुवार को समाधान यात्रा पर निकले मुख्यमंत्री से जब पत्रकारों ने पूछा की लाठीचार्ज पर उनको क्या कहना है तो सीएम अधिकारियों से पूछते नज़र आए की कब हुआ लाठीचार्ज? कहा हुआ लाठीचार्ज? ये आलम तब है जब गुरुवार के अखबरों में लाठीचार्ज (BSSC lathicharge) की खबर छपी है. लोग पूछ रहे है मुख्यमंत्री जब पटना में ही कोई समाधान निकाल पा रहे है तो क्या समाधान करने निकले है.
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गुरुवार को समाधान यात्रा पर निकले मुख्यमंत्री से जब पत्रकारों ने पूछा की लाठीचार्ज पर उनको क्या कहना है तो सीएम अधिकारियों से पूछते नज़र आए की कब हुआ लाठीचार्ज? कहा हुआ लाठीचार्ज? #Bihar #SamadhanYatra @NitishKumar pic.twitter.com/x6S7kuwjTb
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जेडीयू अध्यक्ष ने कहा- “होता रहता है लाठीचार्ज”
मुख्यमंत्री को तो पटना की खबर ही नहीं थी. लेकिन उनकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने ये कहकर की लाठीचार्ज होता रहता है विपक्ष के हाथ में हथियार ही दे दिया. BSSC (BSSC lathicharge) के छात्रों पर हुए लाठीचार्ज पर जब गुरुवार को प्रेस ने जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से सवाल पूछे तो पहले उन्होंने कहा कि “होता रहता है पहली बार ऐसा थोड़ी ही है कि देश और प्रदेश में छात्रों पर लाठीचार्ज (BSSC lathicharge) हुआ हो.” हलांकि जल्द ही उनको अपनी गलती का अंदाज़ा हो गया और उन्होंने आगे कहा, “हमको मालूम नहीं कि कहां लाठीचार्ज हुआ है नहीं हुआ है. अगर कोई कानून तोड़ता है तो उसको कानून तोड़ने की इजाजत नहीं है. प्रजातांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन करने का हक किसी को भी है. अगर कोई कानून तोड़कर कोई भी काम करता है तो वहां पर स्वाभाविक तौर पर कानून व्यवस्था को स्थापित करना पड़ता है.”
BSSC के छात्रों पर हुए लाठीचार्ज पर जब गुरुवार को प्रेस ने जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से सवाल पूछे तो उन्होंने कहा कि “होता रहता है पहली बार ऐसा थोड़ी ही है कि देश और प्रदेश में छात्रों पर लाठीचार्ज (BSSC lathicharge) हुआ हो.” #Bihar #biharpolitics #BSSC pic.twitter.com/K6b8lF0W30
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जब से बीजेपी-जेडीयू गठबंधन टूटा है तबसे मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री हर कदम फूंक-फूंक कर रख रहे है. लेकिन विवाद है कि उनका पीछा छोड़ने तो तैयार ही नहीं. ऐसे में नौजवानों पर लाठीचार्ज जैसे मामले में इस तरह की लापरवाही विपक्षी बीजेपी के हाथ में एक ओर मौके देने जैसी ही है.