Jagdeep Dhankhar resigned: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के सोमवार शाम को दिए गए इस्तीफे के बाद उनके उत्तराधिकारी को लेकर अटकलों का बाज़ार तेज है. धनखड़ के इस्तीफे की वजह को लेकर जितनी चर्चाएं है उतनी ही चर्चाएं नए उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार को लेकर हैं. ऐसा माना जा रहा है कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) जल्द ही उनके उत्तराधिकारी बनने के लिए उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर देगा.
Jagdeep Dhankhar resigned, स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का दिया हवाला
आपको बता दें, 74 वर्षीय नेता ने उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के रूप में तीन साल के कार्यकाल के बाद स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए पद छोड़ दिया.
धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित अपने त्यागपत्र में लिखा, “स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के अनुसार, तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूँ.”
धनखड़ ने अगस्त 2022 में पदभार ग्रहण किया और 2027 तक इस पद पर बने रहने वाले थे. उनका कार्यकाल राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों के साथ लगातार टकराव और विवादास्पद मुद्दों पर मुखर टिप्पणियों के लिए जाना जाता है.
बीजेपी का बड़ा नेता हो सकता है उपराष्ट्रपति- बीजेपी सूत्र
उनका इस्तीफा संसद के मानसून सत्र के पहले दिन हुआ और इसने एनडीए सहित राजनीतिक हलकों को चौंका दिया.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक भाजपा नेता के हवाले से कहा, “हम अभी इस पर विचार कर रहे हैं. लेकिन मेरा मानना है कि पार्टी किसी ऐसे व्यक्ति को चुनेगी जो एक ठोस विकल्प हो और जिस पर कोई विवाद न हो.” उन्होंने आगे कहा कि पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता को इस संवैधानिक पद के लिए प्राथमिकता दी जा सकती है.
उपराष्ट्रपति पद के लिए शीर्ष दावेदारों में हरिवंश सिंह भी शामिल
इसके अलावा इस पद के लिए जिन प्रमुख नामों पर चर्चा हो रही है, उनमें जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सिंह भी शामिल हैं, जो 2020 से इस पद पर हैं और सरकार के भरोसेमंद सहयोगी माने जाते हैं.
समाचार एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा उपराष्ट्रपति बनने से पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे धनखड़ की तर्ज पर किसी राज्य के राज्यपाल या संसदीय अनुभव वाले किसी वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री की नियुक्ति पर भी विचार कर सकती है. किसी शीर्ष संगठनात्मक नेता की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा रहा है. वैसे पूर्व सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ और बीजेपी के जल्द रिटायर्ड होने वाले अध्यक्ष जेपी नड्डा के नाम की भी चर्चा है.
पिछले दो उपराष्ट्रपति – धनखड़ और उनके पूर्ववर्ती एम वेंकैया नायडू – दोनों ही इस पद को संभालने से पहले भाजपा के अनुभवी नेता थे.
उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए संविधान शीघ्र चुनाव का आदेश देता है
संविधान के अनुच्छेद 68(2) के अनुसार, उपराष्ट्रपति के पद से त्यागपत्र के कारण रिक्त होने पर चुनाव “यथाशीघ्र” कराया जाना चाहिए. निर्वाचित व्यक्ति पदभार ग्रहण करने की तिथि से पूरे पाँच वर्ष का कार्यकाल पूरा करेगा.
संविधान में यह स्पष्ट नहीं है कि अंतरिम अवधि में उपराष्ट्रपति के कार्यों का निर्वहन कौन करेगा, सिवाय राज्यसभा के सभापति के रूप में उनकी भूमिका के. उपसभापति या राष्ट्रपति द्वारा अधिकृत कोई अन्य राज्यसभा सदस्य यह कार्य कर सकता है.
संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार, भारत का उपराष्ट्रपति बनने के इच्छुक किसी भी उम्मीदवार को भारतीय नागरिक होना चाहिए, उसकी आयु कम से कम 35 वर्ष होनी चाहिए और वह राज्यसभा के लिए चुनाव लड़ने के योग्य होना चाहिए.
संविधान केंद्र या राज्य सरकारों, या किसी स्थानीय या अधीनस्थ प्राधिकरण के अधीन किसी भी लाभ के पद पर आसीन व्यक्तियों को भी इस पद के लिए चुनाव लड़ने से रोकता है.
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