Gurgaon Waterlogging : औद्योगिकीकऱण के दौर दिल्ली से सटे एक शहर का खूबसूरत चेहरा दिया है. इस शहर का नाम है गुरुग्राम. उंची उंची इमारतें, करोड़ों के फ्लैट्स और आधुनिक जीवन शैली से लबरेज एक खूबसूरत शहर.. इस शहर में नौकरी पाना और यहां रहना देश के युवों का सपना होता है, लेकिन जैसे ही मौसम की मार पड़ती है इस शहर का हाल बेहाल हो जाता है. हालत ये हो जाती है कि जिस शहर में लोग करोड़ों की कीमत लगाकर फ्लैट्स खरीद रहे हैं, वहां सुपर रिच लोगों के लिए भी घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है. इस शहर का हाल ये हैं ककि एक बारिश में पूरा शहर तालाब में तब्दील होता नजर आने लगता है.
Gurgaon Waterlogging के कारण सड़कों पर फंसे लोग
बुधवार शाम हुई कुछ देर , करीब आधे घंटे की बारिश ने इस शहर का ऐसा हाल कर दिया कि लोग लोग सड़कों पर तालाब पार करते दिखाई दिये..बड़ी बड़ी गाडियां पानी में तैरती नजर आई…हाल ये रहा कि लोग सोशल मीडिया पर अपनी बेबसी की तस्वीरें शेयर करके अपना दर्द शेयर कर रहे हैं.
मौसम की पहली बरसात में गुरुग्राम शहर का ये हाल …..#Gurugram pic.twitter.com/l3Q17jcwXo
— The Bharat Now (@thebharatnow) July 10, 2025
गुरुग्राम का गोल्फकोर्स बना तलाब
मॉनसून की एक बारिश में ही गुरुग्राम का ये हाल हो गया है. जिस शहर में दुनिया भर की बड़ी बड़ी कंपनियां काम करती हैं. बड़े-बड़े बिल्डर करोड़ों के प्रीमियम फ्लैट बेच रहे हैं. उस शहर का ड्रेनेज सिस्टम इतना खस्ताहाल है कि एक बारिश में ही जवाब दे देता है. शहर का सीवेज सिस्टम एक बारिश में सरेंडर कर देता है.
शहर का हाल ये हैं कि साइबर सिटी के सबसे पॉश इलाके गोल्फ कोर्स में भी पानी रोड पर जम है. ये वो जगह है जहां एक एक फ्लैट 190 करोड़ तक तक के हैं. लोग बतात है कि इन फ्लैट्स को बेचने के समय बिल्डरों ने बड़े बड़े वादे किये लेकिन महज 1 से डेढ़ घंटे की मूसलाधार बारिश के बाद करोड़ों की कीमत के इन फ्लैट्स के सामने की हालात क्या है..ये आप इन तस्वीरों मे देख सकते हैं.
For the unversed this is very road where apartments are sold for over 100 crores. #GurgaonRains turns Golf course road into river. Venice vibes and door step thrill surely deserves this price. The #LuxuryLiving hub #Gurgaon #Gurugram #GurugramRains #gurugramrain pic.twitter.com/rcpwlcmfGl
— Sumedha Sharma (@sumedhasharma86) July 9, 2025
गुरुग्राम में एक बारिश के बाद हाल ये हैं कि सड़को पर जमजमाव के कारण ऑफिसों में कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सलाह दी गई है. पानी लोगों के घरों तक में घुस गया है.
आखिर किसकी है गलती ?
दरअसल से शहर बाहर से जितना सुंदर और व्यवस्थित दिखता है , यहां की व्यवस्था उतनी ही लचर है. लाखों की आबादी वाले इस शहर का ड्रेनेज सिस्टम बार-बार जवाब दे देता है. नालों की नियमित सफाई नहीं होती है , जिसके कारण नाले भर जाते हैं और एक बारिश में ही सारा पानी सड़कों पर जमा हो जाता है. 2023 में भी ऐसा ही हाल हुआ था जब दो घंटे की बारिश ने दिल्ली-जयपुर हाईवे और बसई रोड को तालाब में बदल दिया था, जिससे सड़कें जलमग्न हो गई थीं. तब भी नालों की सफाई और ड्रेनेज सिस्टम को सुधारने की बात हुई थी लेकिन नतीजा मुसीबत टलते ही सब कुछ पूर्ववत.. ना नालों की सफाई ना समय से उनकी मरम्मत .. नतीजा एक बार फिर से पूरा शहर पानी-पानी.. जबकि यहां लोग सर्विसेस के नाम पर हर साल करोड़ों रुपये सरकार को टैक्स के नाम पर देते हैं.इसके बावजूद व्यव्सथा का ये आलम है. लोग जरा सी बारिश में सड़को पर तैरने के लिए मजबूर हो जाते हैं..