दिल्ली(DELHI):दिल्ली तिहाड़ जेल प्रशासन अब तिहाड़ जेल के अंदर जैमर्स की टेक्नोलॉजी अपडेट करने की तैयारी कर रहा है. तिहाड़ जेल सूत्रों के मुताबिक 5G तकनीक आने के बाद मौजूदा जैमर्स 5G नेटवर्क को जाम करने में फेल नज़र आ रहे है. इसलिए अब जैमर्स को अपडेट करने की तैयारी चल रही है,हालांकि इसमें अभी थोड़ा वक्त लग सकता है.
जैमर्स में केवल 3G-4G नेटवर्क जाम करने की क्षमता
तिहाड़ अधिकारियों के मुताबिक तिहाड़ जेल में 3 और मंडोली और रोहिणी जेल में एक एक जैमर लगे हुए है जो 3G और 4G तकनीक के नेटवर्क जाम करने की क्षमता रखते है लेकिन अब 5G तकनीक आने के बाद जैमर्स 5G नेटवर्क जाम करने में फेल हो रहे है इसका फायदा जेल के अंदर बैठे बड़े बड़े गैंगस्टर्स उठा रहे है, इसलिए अब तिहाड़ प्रशासन ने दिल्ली सरकार को इस बाबत अवगत कराया है जैसे ही दिल्ली सरकार की तरफ से हरी झंडी मिल जाएगी वैसे ही जैमर्स की टेक्नोलॉजी को अपडेट करने का प्रोसेस शुरू कर दिया जाएगा,ये जैमर्स डोमिनेंट टावर की तरह काम करता है जो जेल के भीतर आने वाले नेटवर्क की सिग्नल स्ट्रेंथ को कम करते है, इन जैमर्स को समय समय पर तकनीक में होने वाले बदलाव के कारण अपडेट करने की ज़रूरत होती है।
डार्क स्पॉट का फायदा उठाते हैं कैदी
तिहाड़ जेल सूत्रों के मुताबिक जेल के भीतर कई जगह ऐसे भी डार्क स्पॉट्स है जहाँ जैमर की किरणें नहीं पहुंच पाती हैं. जैमर्स जेल के भीतर और बाहर जाने वाली कॉल्स को जाम नहीं कर पाते हैं. उन डार्क स्पॉट्स का फायदा उठा कर गैंगस्टर्स जेल के बाहर कॉल करते है. इसके लिए भी समय समय पर टेक्नोलॉजी को रिव्यू किया जाता है और जैमर्स को चैलेंज करने वाले स्पॉट्स को खत्म करने की कोशिश को जाती है.