Tuesday, July 8, 2025

S.I.R पर तकरार के बीच तेजस्वी यादव ने ECI को बताया भ्रमित, ओवैस बोले- ‘2024 की मतदाता सूची को क्यों नहीं बनाया जा रहा आधार’

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बिहार में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन(S.I.R) पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. एक तरफ जहां ECI रविवार को चुनाव आयोग के बिहार के अखबारों में दिए गए विज्ञापन और फिर शाम को मुख्य चुनाव आयुक्त के आए बयान को लेकर आरोपों के घेरे में है वहीं, राजनीतिक दल भी चुनाव आयोग पर अपने पीछे सवालों के जवाब देने को लेकर दबाव बना रहे हैं.

अभी तक चुनाव आयोग से कोई स्पष्टता नहीं मिली है-तेजस्वी यादव

बिहार में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन(S.I.R) पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, “5 जुलाई को हमने चुनाव आयोग से मुलाकात की थी और उनके समक्ष अपने सवाल रखे थे. चिंता की बात यह है कि हमें अभी तक चुनाव आयोग से कोई स्पष्टता नहीं मिली है. आप सभी जानते हैं कि बिहार चुनाव आयोग केवल डाकघर के रूप में काम करता है और उसके पास जवाब देने का कोई अधिकार नहीं है… कल चुनाव आयोग ने तीन अलग-अलग निर्देश जारी किए. इससे साबित होता है कि चुनाव आयोग भ्रमित है…”

S.I.R में ‘2024 की मतदाता सूची को क्यों नहीं बनाया जा रहा आधार’-ओवैसी

वहीं सोमवार को चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन(S.I.R) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर कहा “हमने 2024 के चुनावों को योग्यता सूची के रूप में नहीं गिनने के लिए सीईसी के सामने अपनी चिंता जताई है…अगर किसी का नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाता है, तो यह सिर्फ वोट देने के अधिकार को खोने के बारे में नहीं है, बल्कि इससे उनकी आजीविका भी प्रभावित होती है. हमारी मुख्य चिंता यह है कि चुनाव आयोग इतने कम समय में इस तरह की कवायद को कैसे अंजाम देने की योजना बना रहा है. इसका सीधा असर लोगों पर पड़ेगा. हमने इन मुद्दों को चुनाव आयोग के सामने रखा है, जिसमें व्यावहारिक चुनौतियों और नागरिकों के लिए होने वाली संभावित कठिनाई पर जोर दिया गया है.”

यह चोरी है, चुनाव आयोग गरीब आदमी का वोट चुराने की साजिश रच रहा है-कांग्रेस

वहीं कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी बिहार में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन(S.I.R) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर कहा, “चुनाव आयोग ने इसका मजाक बना दिया है, पहले वे एक विज्ञापन जारी करते हैं और फिर वे खुद उसी विज्ञापन के खिलाफ बयान देते हैं… हम बार-बार आवाज उठा रहे हैं कि आप 25-30 दिनों में यह कार्रवाई कैसे कर सकते हैं जब पिछली बार इसमें 1 साल लगा था. आप मानसून के 25 दिनों में यह कार्रवाई कैसे करेंगे? इसलिए हमें सुप्रीम कोर्ट में अपनी आवाज उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा है… यह चोरी है, चुनाव आयोग गरीब आदमी का वोट चुराने की साजिश रच रहा है.”

ये भी पढ़ें-गुरुवार को होगी सुप्रीम कोर्ट में ECI के बिहार में कराए जा रहे S.I.R के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई

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