Friday, July 4, 2025

Trump tariff: ‘जब हम उस पुल पर पहुंचेंगे….’,अमेरिका के 500% टैरिफ लगाने की धमकी पर बोले जयशंकर

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Trump tariff: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि भारत ने अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम को एक प्रस्तावित विधेयक के संबंध में अपनी चिंताओं से अवगत करा दिया है, जिसके तहत भारत सहित रूसी तेल आयात करने वाले देशों पर 500 प्रतिशत तक का भारी शुल्क लगाया जा सकता है.
जयशंकर उस विधेयक के बारे में पूछे गए प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे, जिसमें रूस के साथ व्यापार जारी रखने वाले देशों से आयात पर 500 प्रतिशत का भारी शुल्क लगाने का प्रावधान है. इस बिल से क्रेमलिन के साथ ऊर्जा संबंधों के कारण भारत और चीन विशेष रूप से प्रभावित होंगे.

हमारा दूतावास और राजदूत उनके (“सीनेटर ग्राहम) के संपर्क में हैं-जयशंकर

वाशिंगटन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयशंकर ने कहा, “सीनेटर लिंडसे ग्राहम के बिल के बारे में, अमेरिकी कांग्रेस में होने वाला कोई भी पहल हमारे लिए दिलचस्पी का विषय है, अगर यह हमारे हित को प्रभावित करती है या हमारे हित को प्रभावित कर सकता है. इसलिए, हम सीनेटर ग्राहम के संपर्क में हैं. हमारा दूतावास और राजदूत उनके संपर्क में हैं.”
समाचार एजेंसी एएनआई ने ईएएम के हवाले से बताया कि जयशंकर ने कहा, “ऊर्जा, सुरक्षा पर हमारी चिंताओं और हमारे हितों से उन्हें अवगत करा दिया गया है. इसलिए, जब हम उस पुल पर पहुंचेंगे, तो हमें उस पुल को पार करना होगा, अगर हम उस पुल पर पहुंचेंगे.”

Trump tariff: रूस प्रतिबंध विधेयक में क्या प्रस्ताव है

सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने अपने बिल के बारे में कहा है कि प्रस्तावित कानून रूस और उसके व्यापारिक साझेदारों पर “कठोर प्रतिबंध” लगाएगा. यदि मास्को शांति वार्ता में शामिल होने से इनकार करता है या भविष्य में कोई ऐसी कार्रवाई करता है जो शांति समझौते के बाद यूक्रेन की संप्रभुता को खतरे में डालती है.
सीनेटर ग्राहम द्वारा पेश किए गए इस विधेयक को कथित तौर पर 100 सदस्यीय सीनेट में 80 से अधिक सह-प्रायोजकों का समर्थन प्राप्त है. जिसका मतलब है कि ये विधेयक राष्ट्रपति के वीटो को दरकिनार करने का समर्थन रखता है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, प्रस्तावित कानून रूस से ऊर्जा या अन्य संसाधन खरीदने वाले किसी भी देश पर कठोर टैरिफ लगाएगा.

Trump tariff: विधेयक में यूक्रेन की रक्षा का समर्थन करने वाले देशों को दी गई राहत

यह विधेयक यूक्रेन की रक्षा का समर्थन करने वाले देशों के लिए एक अपवाद का सुझाव देता है, जो उन्हें प्रस्तावित दंड से बचाता है, भले ही वे रूस के साथ व्यापार जारी रखें.
रिपब्लिकन सांसदों ने संकेत दिया है कि वे कांग्रेस में विधेयक को आगे बढ़ाने से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं, हालांकि कुछ ने इसके व्यापक प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त की है.

रूस के साथ भारत के ऊर्जा संबंध

रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत से ही, भारत ने पश्चिमी देशों के बढ़ते दबाव के बावजूद रूसी तेल का आयात जारी रखा है. नई दिल्ली ने कहा है कि उसकी ऊर्जा ज़रूरतें सर्वोपरि हैं और मॉस्को से तेल की खरीद राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखकर की जाती है.

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