भोपाल,1 जुलाई : हाल ही में हुए भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष का असर राज्यों में चल रही कई वैसी परियोजनाओं पर भी पड़ने लगा है जिसकी कमान विदेशी कंपनियों के हाथों में है. खासकर वैसी विदेशी कंपनियां जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान का साथ दिया. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान का साथ देने वाले देशों को वैसे ही ट्रैवल और टूरिज़्म के लिए बैन किया गया है और अब वहां की कंपनियों पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है. खासकर तुर्की जैसा देश भारत के निशाने पर है. तुर्की से भारत की नाराजगी की वजह है ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उसका पाकिस्तान का साथ देना और ASISGUARD असिसगार्ड कंपनी का ड्रोन सप्लाई करना.
ASISGUARD ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की मदद की
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की ना केवल पाकिस्तान के साथ खड़ा रहा बल्कि उसने अत्याधुनिक ड्रोन भी पाकिस्तान को दिये जिसकी मदद से पाकिस्तान ने बॉर्डर एरिया और भारतीय फाइटर एयरक्राफ्ट पर हमला बोला. इस सिलसिले में तुर्की के ड्रोन सोंगर की काफी चर्चा हो चुकी है. इसके बाद ही तुर्की की कंपनी सेलेबी को दिल्ली और चेन्नई हवाई अड्डे पर ग्राउंड हैंडलिंग का जो काम मिला था उसे वापस ले लिया गया. फिलहाल तुर्की की कंपनी सेलेबी ने सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

इसी तरह इंदौर में भी तुर्की की एक कंपनी असिसगार्ड ASISGUARD के खिलाफ कर्रवाई की खबर है. असिसगार्ड (ASIS Elektronik) को बीआरटीएस पर फेयर कलेक्शन सिस्टम का ठेका मिला था. इस बात की जानकारी मेयर पुष्यमित्र भार्गव को जैसे ही मिली उन्होंने तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करते हुए बीआरटीएस (बेस्ड रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) पर फेयर कलेक्शन सिस्टम का ठेका निरस्त करने का आदेश दिया है.
तुर्की की कंपनी ASISGUARD को भोपाल मेट्रो का काम
ऐसा नहीं है कि तुर्की की असिसगार्ड कंपनी (ASIS Elektronik) को इंदौर में केवल यही काम मिला हुआ है. पूरे मध्य प्रदेश में ASISGUARD असिसगार्ड कंपनी को कई सारे काम मिले हुये हैं. मध्य प्रदेश के कैबिनेट मिनिस्टर कैलाश विजयवर्गीय ने भी इसे गंभीर माना और कहा कि तुर्की की जिस कंपनी के ड्रोन का इस्तेमाल पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ किया उसी कंपनी असिसगार्ड (ASIS Elektronik) को भोपाल मेट्रो का ठेका मिला है जो गंभीर मामला है और इसकी जांच होनी चाहिए.
भोपाल–इंदौर मेट्रो के 53 स्टेशनों पर फेयर कलेक्शन सिस्टम लगाने का ठेका
आपको बता दें कि भोपाल–इंदौर मेट्रो के 53 स्टेशनों पर ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम लगाने के लिए असिसगार्ड को मध्य प्रदेश मेट्रो कॉर्पोरेशन ने 230 करोड़ का काम दिया है.
भोपाल में इन जगहों पर असिसगार्ड का काम चल रहा है
इंटरनेशनल ठेका मिलने के बाद असिसगार्ड कंपनी ने भोपाल में अपना काम भी शुरु कर दिया था. उसने भोपाल के केंद्रीय स्कूल, सुभाष नगर, एमपी नगर, रानी कमलापति एवं डीबी मॉल स्टेशनों पर गेट एवं टर्नस्टाइल इंस्टॉलेशन का काम शुरू कर दिया है. इसके अलावा इंदौर में भी गांधीनगर से सुपर कॉरिडोर-3 तक पांच स्टेशनों में सिस्टम इंस्टॉल कर दिया है.
असिसगार्ड कंपनी क्या सेवाएं उपलब्ध कराती है
दरअसल तुर्की की असिसगार्ड कंपनी डिफेंस और बॉर्डर सेफ्टी के लिये हथियार और विभिन्न उपकरण बनाने वाली एक नामी कंपनी है. यह कंपनी इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल विजन एवं सीमा सुरक्षा समाधान, रोटरी विंग, सशस्त्र एवं निरस्त्र ड्रोन सिस्टम के साथ-साथ सैन्य वाहन और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम भी बनाती है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की ने पाकिस्तान को पूरी मदद की. तुर्की की इसी अससिगार्ड कंपनी के ड्रोन सोंगर का इस्तेमाल पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ किया था.
तुर्की की कंपनी ASISGUARD पर कब होगी कार्रवाई
इसके बावजूद मध्यप्रदेश में आज भी तुर्की की कंपनी असिसगार्ड (ASIS Elektronik) मेट्रो का काम कर रही है जिसको लेकर सवाल उठ रहे हैं. कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी इस बात पर चिंता जताते हुये जांच की मांग की है लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कार्रवाई होती नहीं दिख रही है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद जब तुर्की की कंपनी सेलेबी पर कार्रवाई हो सकती है तो असिसगार्ड (ASIS Elektronik) पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है. भोपाल मेट्रो एक बड़ा और महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है. इसमें किसी ऐसी विदेशी कंपनी का शामिल होना जिसने भारत के खिलाफ दुश्मन देश को मदद की हो, बेहद चिंता का विषय है. ये राष्ट्रीय सुरक्षा का भी मामला है जिस पर सरकार को गंभीर होना चाहिए और उचित कदम उठाना चाहिये.