Iran Israel war, ईरान ने गुरुवार को मध्य इज़राइल में क्लस्टर सबम्यूनिशन ले जाने वाली मिसाइल लॉन्च की, जिसके बारे में इज़राइली अधिकारियों का कहना है कि आठ दिनों के युद्ध में इस तरह के हथियारों का यह पहला इस्तेमाल है. ईरानी मिसाइल ने कथित तौर पर दुश्मन पक्ष को ज्यादा नुकसान पहुँचाने की नियत से नागरिक क्षेत्रों में दर्जनों बम गिराए.
अमेरिका में इजरायली दूतावास ने दी क्लस्टर बम दागे जाने की जानकारी
वाशिंगटन स्थित इजरायली दूतावास ने रॉयटर्स को दिए एक बयान में कहा, “आज ईरानी सशस्त्र बलों ने इजरायल के घनी आबादी वाले नागरिक क्षेत्र पर क्लस्टर बम युक्त मिसाइल दागी.”
यह हमला शुक्रवार को ईरान और इजरायल के बीच मिसाइलों के आदान-प्रदान की के एक नए सिलसिले के बीच हुआ. इजरायली मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मिसाइल का वारहेड लगभग 7 किलोमीटर की ऊँचाई पर फटा, जिससे मध्य इजरायल में 8 किलोमीटर के दायरे में लगभग 20 सबम्यूनिशन छोड़े गए. अभी तक, ईरानी अधिकारियों ने आरोपों पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
दोनों पक्षों में मरने वालों की संख्या में वृद्धि
एएफपी के अनुसार, इजरायली अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि चार दिन पहले ईरानी मिसाइल से टकराई एक इमारत से एक महिला का शव बरामद किया गया, जिससे युद्ध शुरू होने के बाद से इजरायल में मरने वालों की संख्या 25 हो गई.
इस बीच, ईरान ने रविवार तक इजरायली हमलों में कम से कम 224 लोगों की मौत की सूचना दी है. मारे गए लोगों में शीर्ष सैन्य अधिकारी, परमाणु वैज्ञानिक और नागरिक शामिल हैं. हालाँकि, तेहरान ने तब से कोई अधिकारिक आँकड़ा नहीं दिया है.
‘कूटनीतिक समाधान के लिए एक खिड़की’ खुली रखने की अपील
यूरोपीय राजनयिकों ने शुक्रवार को ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची के साथ जिनेवा में बैठक की, ताकि आगे की स्थिति को बढ़ने से रोका जा सके. इस बैठक में फ्रांस, जर्मनी, यूके और यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों ने ईरान से संयम बरतने और कूटनीति समाधान निकालने का आग्रह किया.
ब्रिटिश विदेश सचिव डेविड लैमी ने इस बात पर जोर दिया कि आने वाले दो सप्ताह “कूटनीतिक समाधान प्राप्त करने के लिए एक खिड़की” के समान हैं.
राजनयिकों ने कहा कि रूस, चीन और पाकिस्तान द्वारा समर्थित ईरान के अनुरोध के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा संघर्ष पर दूसरा आपातकालीन सत्र आयोजित करने की भी उम्मीद है.
2 हफ्ते में ट्रंप अमेरिका की रुख पर फैसला करेंगे.
वाइस वाशिंगटन को, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि वह “अगले दो सप्ताह के भीतर” तय करेंगे कि इजरायली सैन्य कार्रवाई का समर्थन करना है या नहीं.
एएफपी ने ट्रंप के हवाले से कहा, “इस मामले को बातचीत के जरिए सुलझाने की अभी भी काफी संभावना है.” वही, वॉल स्ट्रीट जर्नल ने बताया कि उन्होंने हमले की योजना को मंजूरी दे दी है, लेकिन वे यह देखने का इंतजार कर रहे हैं कि ईरान अपनी परमाणु महत्वाकांक्षाओं को छोड़ने की इच्छा दिखाता है या नहीं.
इस बीच, रूस ने चेतावनी दी कि अमेरिका की कोई भी भागीदारी “खतरनाक कदम होगी.” इराक में ईरान समर्थक मिलिशिया ने भी जवाबी कार्रवाई की धमकी दी.
गुरुवार को सैटेलाइट इमेजरी से पता चला कि कतर के एक बेस से कई अमेरिकी सैन्य विमानों को स्थानांतरित किया गया है.
ईरान ने नए खुफिया प्रमुख की नियुक्ति की
पिछले सप्ताह वरिष्ठ अधिकारियों की मौत से अभी भी उबर रहे ईरान ने ब्रिगेडियर जनरल माजिद खादमी को इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के खुफिया विभाग का नया प्रमुख नियुक्त किया है, सरकारी समाचार एजेंसी इरना ने गुरुवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने मोहम्मद काजमी की जगह ली है, जो इजरायली हवाई हमले में मारे गए थे, जिसमें कमांडर हसन मोहघेग और मोहसेन बाघेरी की भी जान चली गई थी.
नेतन्याहू ने बदला लेने की कसम खाई
इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान के मिसाइल हमले के बाद तेहरान को “भारी कीमत” चुकानी पड़ेगी, क्योंकि दक्षिणी इज़राइली शहर बीरशेबा में सोरोका अस्पताल पर ईरान की मिसाइलों ने हमला किया था.
1000 बिस्तरों वाले अस्पताल के निदेशक श्लोमी कोडिश ने कहा कि हमले से 40 लोग घायल हो गए और अस्पताल में आग लग गई.
हालांकि, तेहरान ने दावा किया कि अस्पताल लक्षित लक्ष्य नहीं था; इसके बजाय, उसने कहा कि पास का सैन्य और खुफिया अड्डा प्राथमिक लक्ष्य था.
ईरान ने ये हमला तब किया जब इज़राइली सेना ने रात भर ईरानी परमाणु बुनियादी ढांचे पर हमले की घोषणा की, जिसमें अराक में एक “निष्क्रिय परमाणु रिएक्टर” और नतांज़ में यूरेनियम संवर्धन सुविधा शामिल है. एक सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि ऑपरेशन का उद्देश्य “रिएक्टर को बहाल होने से रोकना” था.
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