हांगकांग से दिल्ली जा रहे एयर इंडिया के एक विमान Air India flight को सोमवार को वापस लौटना पड़ा, क्योंकि पायलट ने उड़ान के दौरान संदिग्ध तकनीकी समस्या की सूचना दी.
बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर द्वारा संचालित उड़ान संख्या एआई315 हांगकांग से दिल्ली के लिए रवाना हुई थी, लेकिन एहतियात के तौर पर इसे वापस अपने मूल स्थान पर लौटना पड़ा.
लुफ्थांसा एयरलाइंस का विमान जर्मनी वापस लौटा
इससे पहले, हैदराबाद जा रहे लुफ्थांसा के एक विमान को बम की धमकी के बाद लैंडिंग क्लीयरेंस नहीं मिलने के कारण यू-टर्न लेकर जर्मनी के फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट पर वापस लौटना पड़ा था.
फ्लाइट एलएच752 फ्रैंकफर्ट से रवाना हुई थी और उसे सोमवार सुबह हैदराबाद के राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचना था.
हालांकि, विमान बीच रास्ते से ही वापस लौट आया. एएनआई ने लुफ्थांसा एयरलाइंस के हवाले से कहा, “हमें हैदराबाद में उतरने की अनुमति नहीं मिली थी और इसीलिए विमान ने यू-टर्न लिया और वापस लौट आया.”
विमान के अप्रत्याशित मार्ग परिवर्तन से सवाल उठे, क्योंकि एयरलाइन ने लैंडिंग क्लीयरेंस की कमी का हवाला दिया, जबकि हवाईअड्डा अधिकारियों ने इस घटना के लिए बम की धमकी को जिम्मेदार ठहराया.
अहमदाबाद Air India flight दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद से गुस्से में है लोग
अहमदाबाद में बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान दुर्घटना के बाद एयर इंडिया के खिलाफ लोगों में गुस्सा बढ़ गया है. परिवार और शोक मनाने वालों ने एयरलाइन के रखरखाव और पायलट प्रशिक्षण प्रक्रियाओं में कथित खामियों पर गहरी निराशा व्यक्त की है, कई लोगों ने सुरक्षा प्रोटोकॉल में पूर्ण बदलाव और प्रबंधन से अधिक जवाबदेही की मांग की है. सरकार ने विमान दुर्घटना की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय पैनल का गठन किया है और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA), विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) के वरिष्ठ अधिकारियों और स्वतंत्र विमानन सुरक्षा विशेषज्ञों वाली जांच समिति संभावित तकनीकी विफलताओं, रखरखाव रिकॉर्ड और दुर्घटना के लिए चालक दल की कार्रवाइयों की जांच करेगी.
12 जून को, अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने वाला एयर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.
विमान में सवार सभी 241 लोग मारे गए. इस घटना के बाद बड़े पैमाने पर आपातकालीन प्रतिक्रिया शुरू हो गई और तब से यह भारत की सबसे घातक विमानन दुर्घटनाओं में से एक बन गई है.
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