Bijapur encounter: छत्तीसगढ़ पुलिस ने रविवार को बीजापुर मुठभेड़ में मारे गए 31 माओवादियों में से पांच की पहचान कर ली है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा, पहचाने गए लोगों में प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) का एक डिवीजनल कमेटी सदस्य (डीवीसीएम) भी शामिल है.
Bijapur encounter: मारे गए पांच माओवादियों की हुई पहचान
बीजापुर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने कहा कि पहचाने गए पांच माओवादियों में सीपीआई (माओवादी) के पश्चिम बस्तर डिवीजन के डीवीसीएम हुंगा कर्मा हैं, जिनके सिर पर 8 लाख रुपये का इनाम था, प्लाटून नंबर 11 में कमांडर मंगू हेमला (5 लाख रुपये का इनाम), इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र समिति के सदस्य सुभाष ओयाम (5 लाख रुपये का इनाम), गंगालूर क्षेत्र समिति के सदस्य सन्नू (5 लाख रुपये का इनाम) और राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र के पार्टी सदस्य रमेश (2 लाख रुपये का इनाम) हैं.
उन्होंने बताया कि मारे गए 26 अन्य माओवादियों के शवों की अभी पहचान नहीं हो पाई है.
वरिष्ठ माओवादी नेता बंदी प्रकाश, भास्कर के होने की थी सूचना-एसपी
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र कुमार यादव ने बताया कि माओवादियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना के आधार पर तलाशी अभियान शुरू किया गया था.
एसपी ने कहा, “हमें सूचना मिली थी कि वरिष्ठ माओवादी नेता बंदी प्रकाश, भास्कर और अन्य वरिष्ठ माओवादी मौजूद थे. मुठभेड़ में 11 महिलाओं सहित कुल 31 वर्दीधारी माओवादी मारे गए. घटनास्थल पर खून के धब्बे और घसीटने के निशान बताते हैं कि कई अन्य माओवादी या तो मारे गए या घायल हो गए. भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक और माओवादी सामग्री जब्त की गई.”
Bijapur encounter: भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए
मुठभेड़ स्थल से बरामद हथियारों में एक एके-47 राइफल, एक एसएलआर राइफल, एक इंसास राइफल, एक .303 राइफल, एक .315 बोर राइफल, एक बीजीएल रॉकेट लॉन्चर (बड़ा) स्टैंड के साथ, छह बीजीएल लॉन्चर, लेजर प्रिंटर शामिल हैं. पुलिस ने बड़ी मात्रा में विस्फोटक, माओवादी वर्दी, माओवादी साहित्य, दवाइयां और दैनिक उपयोग की वस्तुएं भी जब्त की हैं.
एसपी ने सभी माओवादियों से हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की और चेतावनी दी कि अन्यथा उन्हें परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा.
मुठभेड़ में मारे गए 2 जवानों को दी गई श्रद्धांजलि
इस बीच, छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अरुण देव गौतम ने मुठभेड़ में मारे गए दो जवानों – जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के हेड कांस्टेबल नरेश ध्रुव (भाटापारा/बलौदाबाजार जिले के निवासी) और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के कांस्टेबल वसीत रावते (बालोद जिले के निवासी) को सोमवार को नई पुलिस लाइन्स में पुष्पांजलि अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनका बलिदान माओवाद को खत्म करने में अन्य सुरक्षा कर्मियों को प्रेरित करेगा.
पत्रकारों से बात करते हुए डीजीपी ने कहा, “हमारे जवानों ने बहादुरी से ऑपरेशन को अंजाम दिया, जिसमें 31 नक्सलियों को ढेर कर दिया गया। इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान एक कठिन क्षेत्र है (भूभाग और घने जंगल के लिहाज से), और हमारे जवानों ने वहां प्रवेश किया और बहादुरी से ऑपरेशन को अंजाम दिया।” पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के वरिष्ठ अधिकारियों और सत्तारूढ़ और विपक्षी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भी मृतक कर्मियों को श्रद्धांजलि दी.
रविवार की मुठभेड़ के बाद इस साल 81 माओवादी मारे गए
रविवार को छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ी मुठभेड़ों में से एक मुठभेड़ बीजापुर के मद्देड़ और फरसेगढ़ थाना क्षेत्रों की सीमा पर एक जंगली पहाड़ी पर हुई. इस घटना के साथ ही इस साल अब तक छत्तीसगढ़ में अलग-अलग मुठभेड़ों में सुरक्षा बलों ने 81 नक्सलियों को मार गिराया है.
इन 81 नक्सलियों में से 65 बस्तर संभाग में मारे गए, जिसमें बीजापुर समेत सात जिले शामिल हैं. पुलिस के अनुसार, पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ में अलग-अलग मुठभेड़ों में सुरक्षा बलों ने 219 नक्सलियों को मार गिराया.